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TRAI की चेतावनी: फर्जी SMS से बचने के लिए जानें असली मैसेज की पहचान

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने फर्जी SMS और साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी के चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। TRAI ने बताया है कि सभी आधिकारिक दिखने वाले मैसेज असली नहीं होते हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि असली मैसेज की पहचान कैसे करें, साइबर ठग किस प्रकार फर्जी SMS भेजते हैं, और खुद को सुरक्षित रखने के उपाय क्या हैं। यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है।
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TRAI की चेतावनी: फर्जी SMS से बचने के लिए जानें असली मैसेज की पहचान

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर TRAI की सलाह


नई दिल्ली: देश में बढ़ते फर्जी SMS और साइबर ठगी के मामलों के चलते, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। TRAI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से स्पष्ट किया है कि हर आधिकारिक दिखने वाला संदेश असली नहीं होता, और किसी भी टेक्स्ट मैसेज पर आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।


फर्जी मैसेज की पहचान कैसे करें?

TRAI ने बताया है कि असली मैसेज की पहचान उसके हेडर से की जा सकती है। यदि मैसेज के हेडर के अंत में P, -S, -T या -G जैसे शब्द जुड़े हों, तो वह मैसेज सही माना जा सकता है।



  • P – प्रमोशनल मैसेज


  • S – सर्विस से संबंधित मैसेज


  • T – ट्रांजैक्शनल मैसेज


  • G – सरकारी मैसेज



इन सुफिक्स की मदद से उपयोगकर्ता आसानी से यह समझ सकते हैं कि मैसेज आधिकारिक है या नहीं।


TRAI की जानकारी

TRAI ने X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के जरिए लोगों को चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति या ठग आधिकारिक भाषा में मैसेज लिख सकता है। इसलिए केवल भाषा या नाम देखकर भरोसा न करें, बल्कि हेडर और सुफिक्स की जांच अवश्य करें।


साइबर ठगों के फर्जी SMS

साइबर ठग लोगों को फंसाने के लिए डर और लालच का सहारा लेते हैं। वे ऐसे मैसेज भेजते हैं जिनमें किसी इमरजेंसी या फायदे का झांसा दिया जाता है, जैसे:



  • आपके रिवॉर्ड आज खत्म हो रहे हैं


  • आपका कार्ड भेज दिया गया है


  • आपके अकाउंट के नाम लॉटरी निकली है


  • ऐसे मैसेज अक्सर लोगों को घबराने या जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए मजबूर कर देते हैं।



इन मैसेज में एक संदिग्ध लिंक भी होता है, जो क्लिक करने पर आपको फर्जी वेबसाइट पर ले जाता है, जहां संवेदनशील जानकारी मांगी जाती है।


इमरजेंसी दिखाकर ठगी

साइबर ठग कॉल, मैसेज या लिंक के जरिए यूजर को बार-बार संपर्क करने के लिए कहते हैं। धीरे-धीरे लोग उनके जाल में फंसते जाते हैं और बैंकिंग डिटेल्स व OTP साझा कर देते हैं। विशेषज्ञ और बैंक लगातार चेतावनी देते हैं कि किसी भी अनजान व्यक्ति या प्लेटफॉर्म के साथ OTP या बैंकिंग जानकारी कभी साझा न करें।


सुरक्षित रहने के उपाय

साइबर ठगी से बचने के लिए यह आवश्यक है कि लोग असली और नकली मैसेज की पहचान करना सीखें। किसी भी अनजान नंबर, लिंक या कंपनी के साथ अपनी बैंक डिटेल्स और OTP साझा न करें। थोड़ी सी लापरवाही से आपका बैंक खाता पूरी तरह खाली हो सकता है।