Who-Fi: बिना कैमरे के पहचान की नई तकनीक

व्यक्ति की पहचान के लिए Who-Fi तकनीक का उपयोग
Who-Fi तकनीक का परिचय
नई दिल्ली: पहचान के लिए आमतौर पर कैमरे की आवश्यकता होती है, लेकिन अब यह अवधारणा बदलने जा रही है। Who-Fi तकनीक के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की पहचान बिना किसी कैमरे के की जा सकेगी। यह एक उन्नत तकनीक है जो बिना किसी दृश्य इनपुट के व्यक्ति की पहचान करने और उसकी गतिविधियों को ट्रैक करने में सक्षम है।
Who-Fi तकनीक का कार्यप्रणाली
arXiv नामक ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, साधारण 2.4GHz वाई-फाई सिग्नल का उपयोग करके किसी व्यक्ति की स्थिति और गतिविधियों को ट्रैक किया जा सकता है। यह तकनीक बायोमेट्रिक पहचान के लिए भी उपयोगी है।
इस प्रणाली में वाई-फाई सिग्नल और एक ट्रांसफार्मर-आधारित न्यूरल नेटवर्क का संयोजन होता है। जब कोई व्यक्ति वाई-फाई क्षेत्र में चलता है, तो उसके शरीर से टकराकर सिग्नल का रास्ता बदलता है, जिससे एक अनोखा पैटर्न बनता है।
Who-Fi की विशेषताएं
- पहचान और ट्रैकिंग: एक बार पैटर्न सीखने के बाद, व्यक्ति को फिर से पहचाना जा सकता है।
- साइन लैंग्वेज पहचान: यह शरीर की गतिविधियों और संकेतों को समझने में सक्षम है।
- कोई विज़ुअल या ऑडियो सेंसर नहीं: कैमरा या माइक्रोफोन की आवश्यकता नहीं।
- कपड़े या बैग बदलने पर भी पहचान में कोई फर्क नहीं।
- दीवार के पीछे मौजूद व्यक्ति को भी 95.5% सटीकता से पहचान सकता है।
- तकनीकी सेटअप और लागत:
- सिर्फ एक एंटीना ट्रांसमीटर और तीन एंटीना रिसीवर की आवश्यकता।
- विशेष हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं।
- सामान्य वाई-फाई उपकरणों से काम चल जाता है।
- कम लागत में स्थापित किया जा सकता है।
- यह प्रणाली बिना किसी रेडार, इंफ्रारेड या दृश्य प्रकाश के काम करती है।
- यह passive RF sensing करती है, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल होता है।
- इसलिए, यह गोपनीय निगरानी के लिए भी उपयोगी है।