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अजमेर में तेंदुओं के लिए नया सुरक्षित आश्रय: लेपर्ड सफारी प्रोजेक्ट की शुरुआत

अजमेर में नारेली की पहाड़ियों पर तेंदुओं के लिए एक नया लेपर्ड सफारी प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यह परियोजना न केवल तेंदुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करेगी, बल्कि अजमेर के पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। वन मंत्री संजय शर्मा ने इस परियोजना के लाभों के बारे में बताया, जिसमें तेंदुओं के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था, सुरक्षित निवास स्थान और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
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अजमेर में तेंदुओं के लिए नया सुरक्षित आश्रय: लेपर्ड सफारी प्रोजेक्ट की शुरुआत

नया लेपर्ड सफारी प्रोजेक्ट

अजमेर के निवासियों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। नारेली की पहाड़ियों में तेंदुओं के लिए एक सुरक्षित निवास स्थान विकसित किया जाएगा। राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने गुरुवार को इस राज्य के पहले लेपर्ड सफारी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। यह परियोजना न केवल वन्यजीव संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि अजमेर के पर्यटन को भी नई दिशा देगी।


इस परियोजना की विशेषताएँ: वन मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि नारेली की पहाड़ियों का क्षेत्र लगभग 16 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जहाँ तेंदुओं की एक बड़ी संख्या प्राकृतिक रूप से निवास करती है। ये तेंदुए अक्सर भोजन की तलाश में आबादी के क्षेत्रों में आ जाते थे, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष का खतरा बढ़ जाता था।


लेपर्ड सफारी के निर्माण से कई लाभ होंगे: तेंदुओं को मिलेगा सुरक्षित आश्रय: सफारी के चारों ओर मजबूत दीवारें बनाई जाएंगी, जिससे तेंदुए सुरक्षित रहेंगे और बाहर नहीं जा सकेंगे।


खाने-पीने की कमी नहीं होगी: उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था सफारी के अंदर ही की जाएगी, ताकि उन्हें शिकार के लिए बाहर भटकने की आवश्यकता न पड़े।


पर्यटन में वृद्धि: इस परियोजना के शुरू होने से अजमेर अब केवल ऐतिहासिक दरगाहों और मंदिरों के लिए ही नहीं, बल्कि वन्यजीव पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध होगा। इससे यहाँ रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।


प्रकृति का संरक्षण: मंत्री ने कहा कि यहाँ अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र को एक घने जंगल के रूप में विकसित किया जाएगा, जो पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होगा।