इजरायल ने गाजा में मानवीय सहायता के लिए नया तरीका अपनाया
इजरायल ने गाजा में खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए एक नया तरीका अपनाया है, जिसमें पैराशूट का उपयोग किया जा रहा है। इस पहल के पीछे कई मुस्लिम देशों के आरोपों का जवाब देने की कोशिश है कि इजरायल गाजा के लोगों को भूखा रख रहा है। भारत ने भी इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें दो-राज्य समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और इजरायल की नई रणनीति के बारे में।
Jul 30, 2025, 17:19 IST
| 
गाजा में खाद्य सामग्री की आपूर्ति
इजरायल ने गाजा में खाद्य सामग्री जैसे आटा, चीनी, दवाई और डब्बा बंद खाना पैराशूट के माध्यम से गिराना शुरू कर दिया है। कई मुस्लिम देशों और लिबरल मीडिया ने यह आरोप लगाया था कि इजरायल गाजा के निवासियों को भूखा रख रहा है और खाद्य सामग्री की आपूर्ति नहीं होने दे रहा है। इस पर इजरायल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसने गाजा में मानवीय सहायता के लिए 900 ट्रक भेजे थे, जबकि संयुक्त राष्ट्र केवल कुछ ट्रकों को ही भेज रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है ताकि गाजा में भुखमरी की स्थिति और गंभीर हो जाए और इजरायल पर आरोप लगाया जा सके।
हमास के आतंकियों का भंडाफोड़
इजरायल का कहना है कि वह खाद्य सामग्री भेज रहा है, लेकिन उसे पहुंचने नहीं दिया जा रहा है। जब कुछ सामग्री पहुंचाई जाती है, तो हमास के आतंकवादी उसे लूट लेते हैं। इजरायल ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे हमास के आतंकवादी भूमिगत सुरंगों में बैठकर फल और अन्य खाद्य सामग्री का सेवन कर रहे हैं, जबकि गाजा के लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं।
नई पहल: आसमान से खाद्य सामग्री की आपूर्ति
इजरायल ने अब गाजा के लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए आसमान से गिराने का नया तरीका अपनाया है। इजरायल की सेना ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें खाद्य सामग्री पैराशूट के माध्यम से गिराई जा रही है। इसके अलावा, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात ने भी इस पहल में शामिल होकर खाद्य सामग्री गिराना शुरू कर दिया है।
भारत का बड़ा बयान
इस बीच, भारत ने भी इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पार्वथानेनी ने न्यूयॉर्क में एक उच्च-स्तरीय सम्मेलन में इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया और दोनों पक्षों के बीच संवाद और कूटनीति की आवश्यकता की बात की।