इसरो का ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट लॉन्च: मोबाइल कनेक्टिविटी में नया युग
महत्वपूर्ण लॉन्च की तैयारी
बेंगलुरु से आई एक महत्वपूर्ण सूचना ने अंतरिक्ष प्रेमियों और मोबाइल उपयोगकर्ताओं में उत्साह का संचार किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को लॉन्च करने जा रहा है, जो मोबाइल कनेक्टिविटी को एक नई दिशा में ले जाएगा। यह लॉन्च श्रीहरिकोटा से सुबह 8:54 बजे होगा और इसे लाइव देखा जा सकेगा। 43.5 मीटर लंबा एलवीएम3 रॉकेट इस मिशन का मुख्य प्रक्षेपण यान है, जो अब तक का सबसे भारी पेलोड अंतरिक्ष में भेजने जा रहा है।
इसरो प्रमुख की तैयारियां
इसरो के प्रमुख वी. नारायणन ने पहले ही 22 दिसंबर को तिरुमला मंदिर में पूजा की थी और अब वे लॉन्च सेंटर पर मौजूद हैं। यह मिशन एक व्यावसायिक समझौते के तहत किया जा रहा है, जिसमें एक अमेरिकी कंपनी का संचार उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। खास बात यह है कि इसके लिए मोबाइल में किसी अतिरिक्त उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी। यह सैटेलाइट सीधे सामान्य स्मार्टफोन तक हाई स्पीड 4G और 5G इंटरनेट पहुंचाएगा।
रिकॉर्ड तोड़ पेलोड
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का वजन 6,100 किलोग्राम है, जो एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में एलईओ कक्षा में भेजा जाने वाला सबसे भारी पेलोड है। इससे पहले यह रिकॉर्ड 4,400 किलोग्राम वाले सीएमएस-03 सैटेलाइट के नाम था। इस सफलता से इसरो ने कमर्शियल लॉन्चिंग में अपनी मजबूत पकड़ साबित की है। यह लॉन्च इसरो की कमर्शियल कंपनी एनएसआईएल और एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच समझौते के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मोबाइल कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
15 मिनट में कक्षा में प्रवेश
एलवीएम3 एक तीन-स्टेज वाला रॉकेट है, जिसमें दो बड़े सॉलिड बूस्टर, एक लिक्विड स्टेज और एक क्रायोजेनिक इंजन शामिल है। यह टेकऑफ के लिए जबरदस्त ताकत प्रदान करता है। लॉन्च के लगभग 15 मिनट बाद, सैटेलाइट रॉकेट से अलग हो जाएगा और लगभग 600 किमी की ऊंचाई पर अपनी निर्धारित कक्षा में पहुंच जाएगा। वहीं से यह कार्य करना शुरू करेगा। यह प्रक्रिया बेहद तेज और सटीक होगी, जिससे सैटेलाइट को बिना किसी रुकावट के सही स्थान पर स्थापित किया जा सकेगा।
स्मार्टफोन में सीधे इंटरनेट
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का उद्देश्य मोबाइल टावर और फाइबर नेटवर्क के बिना इंटरनेट प्रदान करना है। यह सैटेलाइट सीधे 4G और 5G नेटवर्क को आपके स्मार्टफोन तक पहुंचाएगा। उपयोगकर्ता बिना सिम बदलने और बिना फोन अपग्रेड किए, स्पेस से मिलने वाली कनेक्टिविटी का लाभ उठा सकेंगे। इसके माध्यम से वीडियो कॉल, डेटा स्ट्रीमिंग, मैसेजिंग और तेज इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। कंपनी पहले ही 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी कर चुकी है, जिससे यह नेटवर्क वैश्विक स्तर पर फैल सकेगा।
अब तक का सबसे बड़ा एंटीना
इस सैटेलाइट में 223 वर्ग मीटर का बड़ा फेज़्ड-एरे एंटीना लगा है, जो इसे अंतरिक्ष में भेजा गया सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन एंटीना बनाता है। यह एंटीना सिग्नल को मजबूत, तेज और बिना रुकावट के पहुंचाने में मदद करेगा। इसी तकनीक से सैटेलाइट पृथ्वी के हर कोने में मोबाइल नेटवर्क भेज पाएगा। इसका सीधा लाभ ग्रामीण इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और दूर-दराज की जगहों पर मिलेगा, जहां आज भी नेटवर्क एक बड़ी समस्या है।
इसरो की नई कमर्शियल ताकत
एएसटी स्पेसमोबाइल 2024 में पहले ही पांच ब्लूबर्ड सैटेलाइट भेज चुकी है और अब यह नया सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन को और मजबूत करेगा। इसरो पहले भी चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवेब जैसे बड़े मिशनों को सफल बना चुका है। अब यह लॉन्च कमर्शियल स्पेस मार्केट में भी भारत की साख बढ़ाएगा। यह मिशन दिखाता है कि इसरो केवल रिसर्च ही नहीं, बल्कि बड़े कमर्शियल प्रोजेक्ट्स को भी उतनी ही मजबूती से पूरा कर सकता है।
