Newzfatafatlogo

ईरान-इजरायल संघर्ष: फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रभाव

पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान की फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल ने इजरायल पर हमला किया है। इस मिसाइल की रेंज और गति ने इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को चुनौती दी है। जानें इस संघर्ष के पीछे की कहानी और मिसाइल की विशेषताएँ।
 | 
ईरान-इजरायल संघर्ष: फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रभाव

ईरान-इजरायल के बीच बढ़ता तनाव

ईरान की फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल: पश्चिम एशिया में एक बार फिर युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए तेहरान पर हमला किया है। इजरायली सेना का दावा है कि इस हमले में कई ईरानी परमाणु केंद्र नष्ट कर दिए गए हैं, जिसमें ईरान के सेना प्रमुख और कुछ वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।


ईरान का जवाबी हमला

इजरायल के हमले के बाद, ईरान ने युद्ध की घोषणा की और इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोन से जवाबी हमला किया। इस हमले ने इजरायल के कई शहरों, विशेषकर तेल अवीव में व्यापक तबाही मचाई है। दोनों पक्षों के बीच लगातार मिसाइल हमले जारी हैं।


आयरन डोम की विफलता

इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है कि इजरायल के पास आयरन डोम जैसे एयर डिफेंस सिस्टम होने के बावजूद ईरानी मिसाइलों ने इतनी तबाही कैसे मचाई? ईरान ने कौन सी मिसाइलें दागी थीं जो आयरन डोम को भी नहीं रोक सकीं? ईरान की फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल इतनी प्रभावशाली है कि इसे कोई एयर डिफेंस सिस्टम रोक नहीं सकता।


फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल की विशेषताएँ

रिपोर्टों के अनुसार, ईरान ने इजरायल पर फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला किया है। यह एक मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज लगभग 1400 किलोमीटर है। हाइपरसोनिक होने के कारण, यह कम ऊंचाई पर यात्रा कर सकती है, जिससे यह रडार को चकमा देने में सक्षम है।


एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की क्षमता

ईरान ने जून 2023 में फतह-1 मिसाइल का अनावरण किया था, जिसे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने विकसित किया। इसके बाद, नवंबर 2023 में इसका नया वर्जन फतह-2 पेश किया गया। यह मिसाइल तेज गति से लक्ष्य को भेदने में सक्षम है और इसमें परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता भी है।


संघर्ष की स्थिति

ईरान और इजरायल के बीच पिछले 48 घंटों से संघर्ष जारी है। इजरायल ने तेहरान में रक्षा मंत्रालय और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया है। इस लड़ाई में अब तक 138 ईरानी नागरिकों के मारे जाने की सूचना है।