ईरान के नेता खामेनेई की स्थिति में गिरावट: इजरायल के हमलों का प्रभाव

खामेनेई की बढ़ती अलगाव की स्थिति
इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगातार हमलों के चलते, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अब पहले से कहीं अधिक अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। 86 वर्षीय खामेनेई, जो कभी विश्वसनीय कमांडरों और रणनीतिकारों के एक करीबी समूह से घिरे थे, अब इजरायल के लक्षित हवाई हमलों के कारण अपने सलाहकारों को खो चुके हैं। इन हमलों ने उनके सैन्य और खुफिया सलाहकारों को या तो मार डाला या लापता कर दिया है, जिससे उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया कमजोर हुई है और गलत कदम उठाने का खतरा बढ़ गया है.
नेतन्याहू का बयान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में एबीसी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि खामेनेई का अंत युद्ध को बढ़ाने के बजाय समाप्त करेगा। यह बयान उस समय आया जब इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमलों को तेज कर दिया है.
खामेनेई की स्थिति की गंभीरता
एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि खामेनेई के साथ नियमित बैठकों में शामिल होने वाले एक व्यक्ति ने चेतावनी दी कि स्थिति अब गंभीर मोड़ पर है। उन्होंने कहा, "ईरान के लिए रक्षा और आंतरिक स्थिरता के मुद्दों पर गलत कदम का खतरा बेहद खतरनाक है।" हाल के इजरायली हवाई हमलों में कई वरिष्ठ कमांडर मारे गए हैं, जो खामेनेई के सलाहकार समूह का हिस्सा थे.
खामेनेई का शासन
1989 में सत्ता में आने के बाद से, खामेनेई ने ईरान की सशस्त्र सेनाओं और प्रमुख सरकारी नियुक्तियों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित किया है। सूत्रों के अनुसार, वह अपने सलाहकारों से नियमित रूप से परामर्श करते हैं और निर्णय लेने से पहले विस्तृत जानकारी पर जोर देते हैं.
सलाहकार समूह की कमजोरी
हाल के इजरायली हमलों ने खामेनेई के सलाहकार समूह को कमजोर कर दिया है। पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है. खामेनेई ने पहले भी विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए रिवोल्यूशनरी गार्ड्स पर भरोसा किया है, लेकिन वर्तमान आर्थिक संकट गहरे असंतोष को जन्म दे सकता है.
मोजतबा खामेनेई का उभरता प्रभाव
इस बीच, खामेनेई के बेटे मोजतबा खामेनेई का प्रभाव बढ़ रहा है। उन्हें संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है और वह विभिन्न गुटों के साथ समन्वय करते हैं.
क्षेत्रीय स्थिति पर प्रभाव
ईरान के "एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस" को भी भारी झटका लगा है। हाल के हमलों ने खामेनेई को और अलग-थलग कर दिया है.
भविष्य की अनिश्चितता
खामेनेई की सतर्कता अब उनकी सबसे बड़ी परीक्षा का सामना कर रही है। उनके सलाहकारों और सहयोगियों के नुकसान ने ईरान की सैन्य रणनीति में खतरनाक कमजोरी पैदा कर दी है. क्या खामेनेई इस संकट से उबर पाएंगे? यह समय बताएगा.