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उत्तर कोरिया की मिसाइल क्षमता: अमेरिका के लिए बढ़ता खतरा

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बढ़ती मिसाइल क्षमताएं अब अमेरिका के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। हाल ही में जारी एक नक्शे के अनुसार, उत्तर कोरिया की मिसाइलें प्रशांत महासागर को पार कर अमेरिका के मुख्य भूभाग तक पहुंच सकती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि किम जोंग उन की घातक मिसाइलें अब अमेरिका के 48 राज्यों को सीधे निशाना बना सकती हैं। जानें इस खतरे के विभिन्न स्तरों और अमेरिका की सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
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उत्तर कोरिया की मिसाइल क्षमता: अमेरिका के लिए बढ़ता खतरा

उत्तर कोरिया की मिसाइलों का खतरा

वाशिंगटन: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की बढ़ती परमाणु और मिसाइल महत्वाकांक्षाएं अब केवल दक्षिण कोरिया और जापान को ही नहीं, बल्कि अमेरिका को भी चिंतित कर रही हैं। हाल ही में एक नए नक्शे ने यह दर्शाया है कि उत्तर कोरिया की मिसाइलें अब प्रशांत महासागर को पार कर अमेरिका के मुख्य भूभाग तक पहुंच सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, किम जोंग उन की मिसाइलें अब अमेरिका के 48 राज्यों को सीधे निशाना बनाने में सक्षम हैं।


किम जोंग उन ने संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों को नजरअंदाज करते हुए नई और उन्नत बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास किया है। ये मिसाइलें न केवल लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं, बल्कि इन्हें रडार पर पकड़ना भी कठिन है। उत्तर कोरिया का कहना है कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यासों से अपनी रक्षा के लिए उसे इन हथियारों की आवश्यकता है, लेकिन पश्चिमी देशों के लिए यह एक गंभीर चुनौती है।


उत्तर कोरिया की मिसाइल क्षमताओं को तीन स्तरों पर देखा जा रहा है, जो अब एक वैश्विक चुनौती बन चुकी है:


1. जापान और कोरिया के लिए खतरा (ह्वासोंग-9):
इस मिसाइल को 'Scud-ER' भी कहा जाता है, जो 620 मील तक मार कर सकती है। यह पूरी दक्षिण कोरिया और जापान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को तबाह करने की क्षमता रखती है। मोबाइल लॉन्चर्स पर तैनात होने के कारण इसे ढूंढना और नष्ट करना बेहद मुश्किल है। यह उच्च विस्फोटक और रासायनिक वारहेड ले जाने में सक्षम है।


2. अमेरिकी सैन्य ठिकाना गुआम पर निशाना (ह्वासोंग-10):
इसे 'BM-25 मुसुदन' के नाम से जाना जाता है। इसकी मारक क्षमता लगभग 2,490 मील है। यह मिसाइल प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिका के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने 'गुआम' को सीधे निशाना बना सकती है। 2,600 पाउंड का भारी वारहेड इसे बेहद घातक बनाता है।


3. अमेरिका के लिए असली खतरा (ह्वासोंग-14):
अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चिंता 'ह्वासोंग-14' या KN-20 है, जो उत्तर कोरिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। यह पेलोड के आधार पर 6,460 मील तक उड़ सकती है। इसका मतलब है कि हवाई, अलास्का और अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा इसकी जद में है। यही वह हथियार है जिसने उत्तर कोरिया को एक क्षेत्रीय खतरे से वैश्विक परमाणु चुनौती में बदल दिया है।


अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) के अनुसार, वर्तमान में उत्तर कोरिया के पास ऐसी मिसाइलों की संख्या 10 से कम है जो अमेरिका तक पहुंच सकती हैं। लेकिन जिस गति से किम जोंग उन अपने जखीरे को बढ़ा रहे हैं, अनुमान है कि 2035 तक यह संख्या 50 तक पहुंच जाएगी। इसका मतलब है कि आने वाले दशक में उत्तर कोरिया अमेरिका की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।