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उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए मुफ्त मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण: जानें कैसे उठाएं लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए मधुमक्खी पालन की 90 दिन की मुफ्त ट्रेनिंग शुरू कर रही है। इस पहल के तहत सहारनपुर, बस्ती और प्रयागराज में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, 40% तक की सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इच्छुक उम्मीदवारों को 16 सितंबर 2025 से पहले आवेदन करना होगा। यह ट्रेनिंग किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर प्रदान करेगी और उन्हें स्वरोजगार की दिशा में आत्मनिर्भर बनाएगी।
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उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए मुफ्त मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण: जानें कैसे उठाएं लाभ

मधुमक्खी पालन के लिए मुफ्त प्रशिक्षण

मधुमक्खी पालन की मुफ्त ट्रेनिंग: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी दिशा में सहारनपुर, बस्ती और प्रयागराज में 90 दिन की मुफ्त मधुमक्खी पालन (बी-कीपिंग) ट्रेनिंग शुरू की जा रही है। उद्यान, कृषि विपणन और कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को शहद उत्पादन से जोड़ना और उन्हें अतिरिक्त रोजगार के अवसर प्रदान करना है।


सब्सिडी का लाभ

सरकार की सब्सिडी योजना

योगी सरकार न केवल मुफ्त ट्रेनिंग प्रदान कर रही है, बल्कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 40% तक की सब्सिडी भी उपलब्ध करवा रही है। मंत्री सिंह का कहना है कि मधुमक्खी पालन से किसानों की आय में वृद्धि होगी और यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक साबित होगा। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम पूंजी और समय में अधिक लाभ कमाया जा सकता है।


कब और कहां होगी ट्रेनिंग?

ट्रेनिंग की जानकारी

यह 90 दिन की ट्रेनिंग औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र सहारनपुर, बस्ती और राजकीय उद्यान प्रयागराज में आयोजित की जाएगी। इच्छुक उम्मीदवारों को 16 सितंबर 2025 से पहले आवेदन करना होगा। खास बात यह है कि इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास निर्धारित की गई है और महिलाएं व पुरुष दोनों ही आवेदन कर सकते हैं।


आवेदन की प्रक्रिया

कैसे करें आवेदन?

ट्रेनिंग में भाग लेने के इच्छुक उम्मीदवार अपने नजदीकी केंद्र से संपर्क कर सकते हैं:

1. संयुक्त निदेशक, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र (सहारनपुर/बस्ती)

2. अधीक्षक, राजकीय उद्यान (प्रयागराज)

हालांकि, सरकार केवल ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगी, जबकि रहने और खाने की व्यवस्था प्रतिभागियों को स्वयं करनी होगी।


इस पहल का महत्व

क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?

औद्यानिक विभाग के निदेशक डॉ. भानु प्रकाश राम के अनुसार, मधुमक्खी पालन किसानों के लिए कम लागत में स्वरोजगार का एक बड़ा साधन बन सकता है। शहद की बढ़ती मांग के कारण बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं। इसके अलावा, मधुमक्खियां फसलों के परागण में भी मदद करती हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।


आर्थिक लाभ के अवसर

अतिरिक्त आय का अवसर

इस प्रकार, यह ट्रेनिंग न केवल किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें स्वरोजगार की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।