किसानों का आंदोलन: सरकार की हठधर्मिता से बढ़ सकता है रोष
किसानों की हक की लड़ाई जारी
चर्की दादरी समाचार: श्योराण खाप के अध्यक्ष बिजेंद्र बेरला ने कहा कि बाढड़ा की भूमि ने हमेशा किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है। यदि सरकार अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ती है, तो किसान किसी भी बड़े बलिदान के लिए तैयार हैं। वे 2023 के रबी और खरीफ फसलों के बीमा मुआवजे की मांग को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।
यह बयान उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बाढड़ा बिजली कार्यालय परिसर में चल रहे धरने के 111वें दिन किसानों को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कृषि व्यवस्था को कमजोर कर रही है और कारपोरेट घरानों को बढ़ावा दे रही है, जो कि भविष्य के लिए उचित नहीं है।
किसान धरने पर 99 दिन से हैं
किसान अब डीएपी और यूरिया के लिए दर-दर भटक रहे हैं, जबकि करोड़ों रुपये जमा करने के बावजूद उनके ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं। क्षेत्र के किसान पिछले 99 दिनों से बकाया मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान आर्थिक संकट में हैं और उन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
धरने में किसान सभा के जिलाध्यक्ष रणधीर कुंगड़, किसान नेता राजकुमार हड़ौदी, और अन्य कई नेता उपस्थित रहे।
सरकार की अनदेखी पर किसानों का गुस्सा
किसानों का कहना है कि सरकार उनके हितों की रक्षा के नाम पर केवल दिखावा कर रही है। धरने में शामिल किसानों ने एकजुटता दिखाई और सरकार से अपनी मांगों को मानने की अपील की।
