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कैथल में धान खरीद में बड़ा घोटाला, जांच शुरू

कैथल जिले में धान खरीद में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें फर्जी गेटपास के जरिए करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है। इस मामले में जांच टीमें सक्रिय हैं और मंडी सचिव तथा खरीद एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन ने आरोप लगाया है कि बिना धान के गेटपास जारी किए गए हैं, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। क्या सच में किसानों के साथ धोखा हुआ है? जानें पूरी कहानी।
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कैथल में धान खरीद में बड़ा घोटाला, जांच शुरू

कैथल में धान खरीद में घोटाले का खुलासा

कैथल, (कैथल धान घोटाला): जिले की मंडियों में धान की खरीद और गेटपास जारी करने में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि मंडी में धान आया ही नहीं, फिर भी फर्जी गेटपास बनाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई। उपायुक्त के निर्देश पर एसडीएम की विशेष टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं। मंडी सचिव और खरीद एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं।


आवक में वृद्धि, लेकिन रकबा घटा

पिछले साल की तुलना में अधिक आवक, लेकिन रकबा कम!


आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इस बार 8,90,478 मीट्रिक टन पीआर धान की आवक हुई है, जो पिछले वर्ष से एक लाख टन अधिक है। हालांकि, कृषि विभाग का कहना है कि इस वर्ष धान का रकबा पिछले साल से कम है। यह स्पष्ट है कि या तो दूसरे राज्यों से धान लाकर या बिना धान के फर्जी पर्चियां बनाई गईं।


भाकियू का आरोप

भाकियू ने उठाए सवाल


भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने आरोप लगाया है कि कैथल, ढांड और चीका मंडियों में सबसे अधिक गड़बड़ी हुई है। बिना धान के फर्जी गेटपास जारी किए गए, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि किसानों से कम दाम पर धान खरीदा गया और एमएसपी पर बेचकर मुनाफा कमाया गया। रतन मान ने कहा, “आढ़ती, मंडी सचिव, मिलर और एजेंसियों की निष्पक्ष जांच आवश्यक है।”


गेटपास की संख्या और धान की कमी

1.40 लाख गेटपास, लेकिन धान का पता नहीं!


सोमवार शाम साढ़े तीन बजे तक सरकारी एजेंसियों ने 8,86,289 मीट्रिक टन धान खरीदा है। कुल 1,40,666 गेटपास जारी किए जा चुके हैं। सीजन की शुरुआत में ही शिकायतें आईं कि किसानों को कच्ची पर्ची देकर कम दाम पर धान लिया गया और बाद में अंतर की राशि मांगी गई।


जांच की प्रक्रिया

जांच में जुटी टीमें


एसडीएम अजय सिंह ने बताया कि हर पहलू की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में रकबे और आवक में विसंगति पाई गई है। जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। फिलहाल, टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।