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गूगल ने एंड्रॉयड इंस्टेंट एप्स को बंद करने का लिया निर्णय

गूगल ने एंड्रॉयड इंस्टेंट एप्स को बंद करने का निर्णय लिया है, जो दिसंबर 2025 से प्रभावी होगा। यह कदम एप्स की घटती लोकप्रियता और उपयोग को देखते हुए उठाया गया है। गूगल इंस्टेंट एप्स से संबंधित API और Android Studio में टूलिंग सपोर्ट को भी समाप्त करेगा। जानें इस फीचर के बारे में और इसके कार्य करने के तरीके के बारे में।
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गूगल ने एंड्रॉयड इंस्टेंट एप्स को बंद करने का लिया निर्णय

कम उपयोग के कारण गूगल का निर्णय


गूगल ने एंड्रॉयड इंस्टेंट एप्स को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम एप्स के कम उपयोग और उनकी घटती लोकप्रियता को देखते हुए उठाया गया है। दिसंबर 2025 के बाद, ये एप-नुमा इंटरफेस काम नहीं करेंगे। इसके साथ ही, गूगल इंस्टेंट एप्स से संबंधित API और Android Studio में उपलब्ध टूलिंग सपोर्ट को भी समाप्त कर देगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, Android Studio के नवीनतम कैनेरी बिल्ड में डेवलपर लियोन ओमेलान को एक नोटिफिकेशन प्राप्त हुआ, जिसमें यह जानकारी दी गई थी।


इस पॉप-अप में उल्लेख किया गया था कि दिसंबर 2025 से Google Play पर Instant Apps का सपोर्ट हटा दिया जाएगा। Google Play Instant APIs और पब्लिशिंग सपोर्ट भी बंद हो जाएंगे। Android Studio के Otter Feature Drop में टूलिंग सपोर्ट भी समाप्त किया जाएगा। पिछले वर्ष, गूगल ने Chromecast को बंद कर दिया था और उसकी जगह Google TV Streamer सेट-टॉप बॉक्स को लॉन्च किया था।


इंस्टेंट एप्स का परिचय

इंस्टेंट एप्स क्या थे?


इंस्टेंट एप्स को गूगल ने 2017 में पेश किया था। यह फीचर उपयोगकर्ताओं को बिना एप इंस्टॉल किए एक हल्का एप-जैसा अनुभव प्रदान करता था। उदाहरण के लिए, किसी लिंक पर क्लिक करने पर एप का एक छोटा वर्जन खुल जाता था, जिसमें बिल भुगतान या गेम डेमो खेलने जैसे सीमित कार्य किए जा सकते थे। यह फीचर Apple के App Clips के समान था।


उपयोगकर्ताओं को पहले Google Play से इस फीचर को सक्रिय करना पड़ता था। इसके बाद, यदि वे किसी लिंक पर क्लिक करते थे (जैसे गूगल सर्च से), तो प्ले स्टोर यह जांचता था कि क्या उस लिंक को खोलने के लिए कोई इंस्टेंट एप उपलब्ध है। यदि ऐसा होता, तो वह ऐप तुरंत खुल जाता, बिना डाउनलोड या इंस्टॉल किए।