टेलीग्राम: आतंकवादियों के लिए सुरक्षित आश्रय या संवाद का साधन?
टेलीग्राम का उदय और आतंकवाद का खतरा
आज के डिजिटल युग में, टेलीग्राम जैसी मैसेजिंग ऐप्स ने संवाद को सरल बनाया है, लेकिन इसके साथ ही यह आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित स्थान भी बन गई है.
टेलीग्राम की कठोर प्राइवेसी नीतियों और सीमित निगरानी ने इसे चरमपंथी संगठनों के लिए एक पसंदीदा प्लेटफॉर्म बना दिया है, जो इसका उपयोग प्रचार, भर्ती, फंडिंग और हिंसा फैलाने के लिए कर रहे हैं. इस पर वैश्विक एजेंसियों की चिंता बढ़ती जा रही है.
टेलीग्राम पर आतंकवाद का प्रभाव
कम मॉडरेशन और निजी चैट की सुरक्षा ने टेलीग्राम को आतंकवादी संगठनों के लिए एक आदर्श माध्यम बना दिया है. इस्लामिक स्टेट (ISIS), अल-कायदा, हमास और हिजबुल्लाह जैसे समूह अब इस प्लेटफॉर्म का खुलकर उपयोग कर रहे हैं. ये न केवल नए सदस्यों की भर्ती करते हैं, बल्कि फंड जुटाने और हमलों की योजना बनाने में भी इसका सहारा लेते हैं. टेलीग्राम का यह 'फ्री-स्पीच जोन' सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है.
पेरिस हमले का प्रभाव
2015 में फ्रांस में हुए आतंकवादी हमले के बाद यह स्पष्ट हुआ कि हमलावरों ने अपनी साजिश टेलीग्राम और व्हाट्सऐप के माध्यम से बनाई थी, जिसमें 130 लोगों की जान गई थी. उस समय टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव ने कहा था कि 'प्राइवेसी का अधिकार आतंकवाद के डर से अधिक महत्वपूर्ण है.' हालांकि, कंपनी ने ISIS से जुड़े चैनल और बॉट हटाने का वादा किया था, लेकिन आज भी कुछ सामग्री प्लेटफॉर्म पर मौजूद है.
टेलीग्राम की गोपनीयता और उग्रवाद
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि टेलीग्राम पर लगभग 1,500 व्हाइट सुप्रेमेसिस्ट चैनल सक्रिय हैं, जिनके पास लगभग दस लाख फॉलोअर हैं. इन चैनलों पर हथियारों की बिक्री, ड्रग्स की तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. रिपोर्ट में 16,000 चैनलों से 32 लाख से अधिक संदेशों का विश्लेषण किया गया, जिसमें कई अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क शामिल थे.
टेलीग्राम का बचाव
टेलीग्राम की नीति के अनुसार, कंपनी केवल अदालत के आदेश पर डेटा साझा करती है जो आतंकवाद से संबंधित हो. सह-संस्थापक एक्सल नेफ ने कहा कि टेलीग्राम की टीम बहुत छोटी है और सभी गतिविधियों की निगरानी करना संभव नहीं है. पावेल ड्यूरोव ने 2024 में कहा कि 'हम किसी सरकार को यूजर डेटा नहीं देते जो हमारी फ्री-स्पीच वैल्यू के खिलाफ हो.'
प्राइवेसी और कानून प्रवर्तन पर बहस
टेलीग्राम के प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी यूजर्स का सीमित डेटा रखती है और अधिकांश मामलों में इसे एक्सेस नहीं कर सकती. हालांकि, पुलिस और सरकारें अवैध सामग्री की रिपोर्ट कर सकती हैं, लेकिन रिपोर्ट की प्रोसेसिंग कंपनी के अपने नियमों के तहत होती है. इस स्थिति ने टेलीग्राम को एक ऐसा स्थान बना दिया है जहां प्राइवेसी और आतंकवाद के बीच की रेखा तेजी से धुंधली होती जा रही है.
