तरुण चुग ने कनिष्का पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष का आह्वान किया

आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता
- प्रवासी भारतीयों का योगदान अतुलनीय
- मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति बनी नये भारत की पहचान
(चंडीगढ़ समाचार) चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने एयर इंडिया की फ्लाइट 182 (कनिष्का विमान) के 329 यात्रियों को श्रद्धांजलि देते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुट होकर लड़ाई छेड़ने का आह्वान किया। चुग ने कहा कि यह घटना केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर एक हमला था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की अपील की, जिसमें दुनिया को आतंकवाद से मुक्त करना भारत की प्राथमिकता रही है।
उन्होंने कहा, "आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, उससे सख्ती से निपटना चाहिए। आतंकवाद की फंडिंग को तुरंत रोकना चाहिए और इस खतरे को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना चाहिए।"
आयरलैंड स्थित भारतीय दूतावास में प्रवासी भारतीयों और ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करते हुए चुग ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का भी उल्लेख किया और इसे पाकिस्तान की ISI द्वारा शांति एवं विकास की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि "भारत को अस्थिर करने की साज़िशें बार-बार रची जाती हैं, लेकिन मोदी सरकार की निर्णायक नीति और देशवासियों की एकजुटता इन प्रयासों को हर बार नाकाम करती है।"
भारत की आर्थिक प्रगति और प्रवासी भारतीयों की भूमिका
भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और उद्योग, सेवा, निर्यात जैसे क्षेत्रों में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है
चुग ने कहा कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "विकसित भारत 2047" संकल्प पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और उद्योग, सेवा, निर्यात जैसे क्षेत्रों में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस प्रगति में विदेशों में बसे भारतीयों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति ने हर भारतीय को वैश्विक मंचों पर सम्मान दिलाया है।
आज भारत की उपस्थिति के बिना कोई भी वैश्विक मंच अधूरा समझा जाता है। भारत की विकास दर, स्थिर नेतृत्व और सक्रिय कूटनीति ने उसे वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है। चुग ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारत की सांस्कृतिक और विकासात्मक यात्रा के दूत बनें और देश के प्रति गर्व की भावना को नई पीढ़ी तक पहुँचाएं।
उपस्थित कार्यकर्ताओं और समुदाय के सदस्यों ने 'विकसित भारत 2047' के सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया।