तुर्की में रूस-यूक्रेन शांति वार्ता: युद्धबंदियों की अदला-बदली और बच्चों की वापसी पर चर्चा

तुर्की में शांति वार्ता का नया दौर
सोमवार को तुर्की में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच एक नई शांति वार्ता आयोजित की गई, जो लगभग एक घंटे तक चली। इस बैठक में दोनों पक्षों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूसी सरकारी मीडिया ने इस वार्ता की पुष्टि की है। जेलेंस्की ने लिथुआनिया के विनियस में एक बयान में कहा कि तुर्की की मध्यस्थता से दोनों पक्षों ने दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया और युद्धबंदियों की अदला-बदली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है.
युद्धबंदियों की अदला-बदली
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि 16 मई को हुई पिछली वार्ता के बाद लगभग 1,000 युद्धबंदियों की सफलतापूर्वक अदला-बदली की गई थी। यह प्रक्रिया दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि हालिया वार्ता में इस प्रक्रिया को और तेज करने पर सहमति बनी है। युद्धबंदियों की रिहाई न केवल सैनिकों के परिवारों के लिए राहत का कारण है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने का एक सकारात्मक संकेत भी है.
बच्चों की वापसी का मुद्दा
जबरन निर्वासित बच्चों की वापसी की मांग
यूक्रेन ने इस वार्ता में एक गंभीर मुद्दा उठाया है। जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने बताया कि यूक्रेन ने रूस को उन बच्चों की एक आधिकारिक सूची सौंपी है, जिन्हें कथित तौर पर जबरन निर्वासित किया गया है। यूक्रेन ने मांग की है कि इन बच्चों को तुरंत उनके परिवारों के पास वापस लाया जाए। यह मुद्दा मानवाधिकारों और बच्चों के कल्याण से जुड़ा हुआ है, जो यूक्रेन के लिए विशेष रूप से संवेदनशील है.
तुर्की की मध्यस्थता की भूमिका
शांति की दिशा में तुर्की की भूमिका
तुर्की ने इस संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए दोनों पक्षों को बातचीत के लिए एक मंच प्रदान किया है। तुर्की की यह कोशिश रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है। दोनों पक्षों ने तुर्की की मेज़बानी में हुई इस वार्ता को सकारात्मक बताया है, हालांकि कई जटिल मुद्दों पर सहमति बनाना अभी बाकी है.