प्रधानमंत्री मोदी की इथियोपिया यात्रा: ऐतिहासिक संबोधन और सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी की इथियोपिया यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथियोपिया की यात्रा पूरी कर ओमान के लिए उड़ान भरी। इस दौरान, इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने उन्हें खुद ड्राइव करके एयरपोर्ट तक छोड़ा।
ओमान जाने से पहले, पीएम मोदी ने बुधवार को इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यह दुनिया की 18वीं संसद है जहां उन्होंने भाषण दिया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इथियोपिया आकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने इसे शेरों की धरती बताते हुए कहा कि यह उनके गृहराज्य गुजरात के समान है।
उन्होंने भारत और इथियोपिया के बीच संबंधों पर भी प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच जलवायु और भावनाओं में गहरा संबंध है। लगभग 2000 साल पहले, हमारे पूर्वजों ने व्यापार के माध्यम से संबंध स्थापित किए थे, जिसमें केवल वस्तुओं का ही नहीं, बल्कि विचारों और जीवनशैली का भी आदान-प्रदान शामिल था।
अदीस और धोलेरा जैसे बंदरगाह न केवल व्यापार के केंद्र थे, बल्कि सभ्यताओं के बीच पुल का काम भी करते थे। आज, हमारा संबंध एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। 1941 में, भारतीय सैनिकों ने इथियोपिया की मुक्ति के लिए इथियोपियाई लोगों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी।
संसद में अपने संबोधन के बाद, सांसदों ने पीएम मोदी के लिए खड़े होकर तालियां बजाईं।
इससे पहले, इथियोपिया के पीएम अबी अहमद अली ने मंगलवार को पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया। वे ‘द ग्रेट ऑनर निशां ऑफ इथियोपिया’ पाने वाले पहले विश्व नेता बने। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए गर्व की बात है।
पीएम मोदी मंगलवार को इथियोपिया पहुंचे थे, और यह उनका पहला दौरा था। पीएम अबी अहमद अली ने नेशनल पैलेस में उनका औपचारिक स्वागत किया, जहां द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई।
