फूलगोभी खेती के लिए सही मौसम और तकनीक

फूलगोभी की खेती के लिए उपयुक्त मौसम
हरियाणा में फूलगोभी की खेती के लिए पांच विभिन्न मौसमों को उपयुक्त माना गया है। इसमें अगेती, मध्यम और पछेती वर्ग की फूलगोभी शामिल हैं। सितंबर का महीना मध्यम किस्मों की बुवाई के लिए सही समय है। इसके बाद, 15 अक्टूबर तक पौधों की रोपाई करने से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। फूलगोभी की पौध 25 से 30 दिन में तैयार हो जाती है। हर वर्ग की शंकर किस्में अलग-अलग होती हैं, और इनकी रोपाई सितंबर के अंत तक की जा सकती है।
रोपाई का सही समय और विधि
डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा, सब्जी सलाहकार, महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल के अनुसार, फूलगोभी का अच्छा उत्पादन पाने के लिए सब्जी विशेषज्ञों की सलाह का पालन करना आवश्यक है। बीज की बिजाई और रोपाई सही समय और उचित वातावरण में करनी चाहिए। पौध की रोपाई दोपहर 3 बजे से शाम 6 से 7 बजे के बीच की जा सकती है।
पौध तैयार करने और रोपाई की विधि
हरे प्लास्टिक जाल का उपयोग करें। लगभग 50 से 60 ग्राम बीज प्रति एकड़ के लिए पर्याप्त होता है। तेज धूप से पौधों की सुरक्षा के लिए पौधशाला को हरे रंग के छायादार प्लास्टिक जाल से ढकना चाहिए।
पौध की आयु 25 दिन हो जाने पर रोपाई करें। रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई करें, ताकि पौधों की जड़ों तक पानी की नमी पहुंच सके। बारिश के मौसम में नमी की स्थिति के अनुसार सिंचाई करें।
रोपाई के लिए डोलियों के बीच 60 से 65 सेमी और पौधों के बीच 45 से 50 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखें।
बीज की मात्रा और किस्मों का चयन
50 से 60 ग्राम बीज प्रति एकड़ डालें और फसल को तेज धूप से बचाना आवश्यक है।
उचित संकर किस्मों का चुनाव करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि गलत किस्में फूलगोभी में या तो ही निकलती हैं या छोटे आकार के अधूरे फूल निकलते हैं।
मध्यम वर्ग की संकर प्रजातियों में वेलेंटीना, कैरोटीना, पॉडरेट, नलिनी, रागिनी, मायूरी, सुहासिनी, स्नो व्हाइट और गिरिजा शामिल हैं।
मध्यम लेट वर्ग की फूलगोभी की संकर किस्मों में माही, फूलगोभी नंबर 106, नंबर 1024, बिशप, नंबर 256, नंबर 1522 और कैस्पर प्रमुख हैं।