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बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना का ऐतिहासिक निर्णय

केंद्र सरकार ने बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना की घोषणा की है, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा पहल है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इस निर्णय की पुष्टि की और बताया कि यदि बिहार सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो केंद्र सरकार सहयोग करेगी। इस योजना के तहत अगले छह महीनों में 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति भी की जाएगी। जानें इस ऐतिहासिक निर्णय के बारे में और क्या है इसके पीछे की योजना।
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बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना का ऐतिहासिक निर्णय

बिहार के लिए एक नई ऊर्जा पहल


बिहार: यह बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर है। केंद्र सरकार ने राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इस घोषणा की पुष्टि की है और बताया कि यदि बिहार सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो केंद्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।


बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव अब मंजूर हो चुका है। पूर्वी क्षेत्र के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों का एक सम्मेलन मंगलवार को पटना में आयोजित हुआ, जहां बिहार ने परमाणु बिजली उत्पादन के लिए न्यूक्लियर पावर प्लांट की मांग की। केंद्रीय मंत्री खट्टर ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और राज्य को अगले छह महीनों में 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने का भी आश्वासन दिया।


बिहार की प्रगति


केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बैठक में ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। देश में थर्मल, सोलर, विंड और स्टोरेज पावर परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। सभी राज्यों में कम से कम एक न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिसका लक्ष्य 2035 तक विद्युत क्षेत्र के विकास के लिए एक विजन तैयार करना है। खट्टर ने कहा कि बिहार में बिजली क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। उन्होंने 80 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की उपलब्धि की सराहना की, जो एक रिकॉर्ड है।


खट्टर ने यह भी कहा कि बिहार को न्यूक्लियर ऊर्जा की आवश्यकता है और यदि राज्य सरकार न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करती है, तो केंद्र सरकार सहयोग करेगी। बिहार में बिजली स्टोरेज के लिए 1000 मेगावाट की मांग है, और अगले छह महीनों में 500 मेगावाट की अतिरिक्त आपूर्ति की जाएगी। भारत अब बिजली की जरूरतों को पूरा कर रहा है, जबकि पहले यह पावर डिफिसिट देश था।