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बिहार में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने की पहल

बिहार सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि महिला जनप्रतिनिधियों को अधिकार देने के साथ-साथ उन्हें सक्षम नेतृत्वकर्ता बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 'सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान' की शुरुआत की गई, जिसमें बिहार की महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके अलावा, 50 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय ने महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया है। जानें इस पहल के बारे में और अधिक जानकारी।
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बिहार में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने की पहल

बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

बिहार समाचार: राज्य सरकार का पंचायती राज विभाग समाज के अंतिम पायदान पर खड़ी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने 16 जून 2025 को आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि ग्राम पंचायतों का विकास राज्य और देश के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। इसी उद्देश्य से महिला जनप्रतिनिधियों को न केवल अधिकार दिए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें सक्षम नेतृत्वकर्ता बनाने के लिए निरंतर प्रशिक्षण और एक्सपोजर कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। उन्हें ई-ग्राम स्वराज पोर्टल, वित्तीय प्रबंधन, प्रशासनिक प्रक्रियाएं और सामाजिक नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाता है। राज्य में आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत के रूप में विकसित करने के लिए चुनी गई 38 ग्राम पंचायतों में से 29 का नेतृत्व महिला जन प्रतिनिधियों के हाथों में है।


महिला दिवस पर विशेष चयन

5 मार्च को हुआ चयन


इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 4-5 मार्च को नई दिल्ली में 'सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान' की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में बिहार की महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सभी राज्यों के जिलों में एक ग्राम पंचायत को आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई। राज्य स्तर पर भी 5 मार्च को प्रत्येक जिले से एक ग्राम पंचायत का चयन किया गया।


महिलाओं के लिए आरक्षण का महत्व

50 प्रतिशत आरक्षण साबित हुआ मील का पत्थर


मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि 2005 में त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। इससे बिहार की पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 50 प्रतिशत से अधिक ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।


पुरस्कार प्राप्त करने वाली पंचायतें

तीन पंचायतों को मिले पुरस्कार


2024 में बिहार की तीन ग्राम पंचायतों को विभिन्न श्रेणियों में दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार (राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2024) में तृतीय स्थान प्राप्त करने पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। पुरस्कार के लिए चयनित पंचायतें जजुआर मिडिल, पुनहाड़ा और परथु हैं, जिनमें से दो का नेतृत्व महिला मुखिया (निभा कुमारी-पुनहाड़ा, जहानाबाद और तृप्ति कुमारी-परथु, नालंदा) कर रही हैं।


प्रधानमंत्री का सम्मान

पीएम ने भी किया सम्मानित


राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस-2025 के अवसर पर मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के उत्तर लोहना ग्राम पंचायत में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान समस्तीपुर जिले के रोसड़ा प्रखंड की मोतीपुर ग्राम पंचायत को 'क्लाइमेट एक्शन विशेष पंचायत पुरस्कार-2025' में तीसरा स्थान मिला। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इन पंचायतों को सम्मानित किया।