भारत 2030 तक जहाज निर्माण में शीर्ष 10 देशों में शामिल होगा: सर्बानंद सोनोवाल

भारत की जहाज निर्माण क्षमता में वृद्धि
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हाल ही में कहा कि भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है और 2030 तक यह दुनिया के शीर्ष 10 जहाज निर्माण देशों में शामिल हो जाएगा। इस अवसर पर, उन्होंने तमिलनाडु के वीओ चिदंबरनार पोर्ट पर देश के पहले पोर्ट-बेस्ड ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। यह पोर्ट दक्षिण भारत का ग्रीन बंकरिंग हब बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए 16,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है।
सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि भारत 2030 तक जहाज निर्माण में शीर्ष 10 देशों में शामिल होगा और 2047 तक यह शीर्ष पांच में पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य गति, पैमाने, स्थिरता और आत्मनिर्भरता का समावेश है। इस ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से हजारों रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और तमिलनाडु को भारत की आर्थिक आकांक्षाओं में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इस परियोजना की लागत 3.87 करोड़ रुपए है और यह पोर्ट कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटों और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन को ग्रीन हाइड्रोजन से ऊर्जा प्रदान करेगी। इस उद्घाटन के साथ, वीओसी पोर्ट देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने वाला बंदरगाह बन गया है।
नए सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं
400 किलोवाट का सोलर प्लांट भी होगा निर्मित
इस परियोजना के अंतर्गत 400 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट भी स्थापित किया जाएगा, जिससे बंदरगाह की कुल सौर क्षमता 1.04 मेगावाट तक बढ़ जाएगी, जो भारतीय बंदरगाहों में सबसे अधिक है। इसके अलावा, कोल जेटी-I को बंदरगाह स्टैक यार्ड से जोड़ने के लिए 24.5 करोड़ रुपए का लिंक कन्वेयर भी बनाया जाएगा, जिससे दक्षता में 0.72 एमएमटीपीए की वृद्धि होगी। केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने 6 मेगावाट के पवन फार्म, 90 करोड़ रुपए की लागत वाले मल्टी-कार्गो बर्थ, 3.37 किलोमीटर लंबी चार-लेन सड़क और तमिलनाडु समुद्री विरासत संग्रहालय की आधारशिला भी रखी।