भारत और पाकिस्तान में गरीबी: एक महत्वपूर्ण तुलना

भारत और पाकिस्तान में गरीबी की स्थिति
हाल ही में जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट ने भारत और पाकिस्तान में गरीबी की स्थिति पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की है। भारत ने पिछले दशक में गरीबी को कम करने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, जबकि पाकिस्तान में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की लगभग 45% जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है, जबकि भारत में यह आंकड़ा केवल 5.3% है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
भारत की गरीबी में कमी
विश्व बैंक की स्प्रिंग 2025 पॉवर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ के अनुसार, भारत ने 2011-12 से 2022-23 के बीच अत्यंत गरीबी (2.15 डॉलर प्रति दिन से कम आय) को 16.2% से घटाकर 2.3% कर दिया है। इस दौरान 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 18.4% से घटकर 2.8% और शहरी क्षेत्रों में 10.7% से 1.1% तक कम हुई है। इसके अलावा, निम्न-मध्यम आय गरीबी रेखा (3.65 डॉलर प्रति दिन) के तहत गरीबी भी 61.8% से घटकर 28.1% हो गई है, जिससे 37.8 करोड़ लोग इस स्तर से बाहर निकले हैं।
पाकिस्तान में गरीबी की गंभीर स्थिति
पाकिस्तान में गरीबी की गंभीर स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में गरीबी की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। 2023-24 में, 44.7% जनसंख्या (लगभग 10.7 करोड़ लोग) 3.65 डॉलर प्रति दिन की निम्न-मध्यम आय गरीबी रेखा से नीचे रह रही थी, और 16.5% लोग अत्यंत गरीबी (2.15 डॉलर प्रति दिन से कम) की श्रेणी में थे। केवल एक वर्ष में 1.9 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए। विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान का मौजूदा आर्थिक मॉडल गरीबी कम करने में असफल रहा है।
भारत और पाकिस्तान: एक तुलना
भारत और पाकिस्तान: एक तुलना
अत्यंत गरीबी: भारत में 2022-23 में अत्यंत गरीबी की दर 5.3% थी, जबकि पाकिस्तान में यह 16.5% थी। भारत ने 2011-12 से 2022-23 तक 171 मिलियन लोगों को अत्यंत गरीबी से बाहर निकाला, जबकि पाकिस्तान में 2024-25 में 1.9 मिलियन लोग और गरीबी में चले गए।
आर्थिक विकास और नीतिगत सुधार
आर्थिक विकास: भारत की अर्थव्यवस्था (4.19 ट्रिलियन डॉलर) और साक्षरता दर (80.6%) पाकिस्तान (373 बिलियन डॉलर, 62.8%) से काफी बेहतर है।
नीतिगत सुधार: विश्व बैंक ने पाकिस्तान को कृषि और रियल एस्टेट पर कर बढ़ाने, व्यय में कटौती करने और ऊर्जा सब्सिडी कम करने की सलाह दी है। वहीं, भारत ने समावेशी विकास और रोजगार वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया है।
भविष्य की राह
भविष्य की राह
विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत 2030 तक अत्यंत गरीबी को लगभग समाप्त कर देगा, लेकिन पाकिस्तान में गरीबी 2027 तक 40.8% रह सकती है। भारत की सफलता जहां समावेशी नीतियों और आर्थिक विकास का परिणाम है, वहीं पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और मानव विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है।