भारत में खाने के तेल की कीमतों में कमी की संभावना
सरकार का नया प्रस्ताव
हाल ही में, किचन के बजट से संबंधित एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। भारत में सरसों, सोयाबीन और मूंगफली जैसे खाद्य तेलों की कीमतें 3 से 4 रुपये प्रति लीटर तक घट सकती हैं। सरकार इस दिशा में एक योजना पर कार्य कर रही है, जिसका लाभ आम जनता को मिलेगा।इस बदलाव का कारण जीएसटी से जुड़ा एक मुद्दा है। जब तेल उत्पादक कंपनियां किसानों से तिलहन खरीदती हैं, तो उन पर 5% जीएसटी लागू होता है। तेल निकालने पर दो उत्पाद बनते हैं: खाने का तेल और खली, जो पशुओं के चारे के लिए उपयोग होता है।
सरकार खाने के तेल पर 5% जीएसटी लेती है, लेकिन खली पर कोई टैक्स नहीं है। कंपनियों को बीज पर चुकाए गए टैक्स का रिफंड केवल तेल की बिक्री पर मिलता है, जबकि खली पर चुकाया गया टैक्स फंस जाता है। यह स्थिति कंपनियों की लागत बढ़ाती है, जिससे तेल की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
अब, खाद्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कंपनियों के फंसे हुए जीएसटी को रिफंड करने की मांग की गई है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो कंपनियों की लागत कम होगी और वे तेल की कीमतें घटा सकेंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से खाने के तेल की कीमतें 3 से 4 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं। अब सभी की नजरें वित्त मंत्रालय के अंतिम निर्णय पर हैं, जो महंगाई के समय में आम आदमी के लिए राहत का कारण बन सकता है।