मणिपुर में पीएम मोदी के संभावित दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
इम्फाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे को लेकर मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व तरीके से मजबूत किया गया है। यह दौरा मई 2023 में जातीय हिंसा के बाद पीएम का पहला मणिपुर दौरा होगा। हालांकि, इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन इम्फाल से लेकर चूड़ाचाँदपुर तक तैयारियां जोरों पर हैं और पूरे राज्य को सुरक्षा किले में तब्दील कर दिया गया है।सुरक्षा का मुख्य ध्यान इम्फाल में ऐतिहासिक कांगला किला और आदिवासी बहुल 'पीस ग्राउंड' पर है। इन स्थानों पर प्रधानमंत्री के मुख्य कार्यक्रम होने की संभावना है, जिसके लिए भव्य मंच तैयार किए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में राज्य और केंद्रीय सुरक्षाबलों के हजारों जवान तैनात किए गए हैं।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से, ड्रोन और एयरगन पर पाबंदी लगाई गई है। कांगला किले की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर गाड़ियों की सघन तलाशी और लोगों की चेकिंग की जा रही है। किले की निगरानी के लिए स्निफर डॉग्स और उन्नत उपकरणों के साथ केंद्रीय सुरक्षा टीमें 24 घंटे तैनात हैं।
जिले को 'नो-ड्रोन जोन' घोषित किया गया है, जिसका मतलब है कि यहां ड्रोन, यूएवी या किसी भी उड़ने वाली वस्तु का उड़ान भरना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अलावा, प्रशासन ने एयरगन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है।
यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मणिपुर पिछले डेढ़ साल से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा का सामना कर रहा है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। इस बीच, कुकी-जो परिषद ने प्रधानमंत्री के इस दौरे का स्वागत करते हुए इसे 'ऐतिहासिक' बताया है और उम्मीद जताई है कि पीएम उनकी 'अलग प्रशासन' की मांग पर ध्यान देंगे।