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महेंद्रगढ़ में बागवानी विकास केंद्र से किसानों को मिल रहा नया जीवन

महेंद्रगढ़ जिले के सुंदरह गांव में स्थापित बागवानी विकास केंद्र ने किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित किया है। इस केंद्र ने न केवल उपज में वृद्धि की है, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार किया है। यहां 900 से अधिक किसानों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वे स्मार्ट एग्रीकल्चर की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जानें इस केंद्र की विशेषताओं और किसानों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में।
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महेंद्रगढ़ में बागवानी विकास केंद्र से किसानों को मिल रहा नया जीवन

महेंद्रगढ़ का बागवानी विकास केंद्र

महेंद्रगढ़ समाचार, कनीना (महेंद्रगढ़) : हरियाणा सरकार के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर महेंद्रगढ़ जिले के सुंदरह गांव में एकीकृत बागवानी विकास केंद्र ने खेती को नई दिशा दी है। यहां किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इससे न केवल उपज में वृद्धि हो रही है, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार हो रहा है। यह केंद्र अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है, जो प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।


इस केंद्र की स्थापना 15 जुलाई 2016 को हुई थी और इसका उद्घाटन 1 सितंबर 2019 को किया गया। यह 12.5 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। यहां की सबसे बड़ी विशेषता अत्याधुनिक नर्सरी है। हाई-टेक ग्रीन हाउस में कोकोपीट, वर्मीकुलाइट और परलाइट जैसे मिट्टी रहित माध्यमों से पौधे तैयार किए जाते हैं। इन मिट्टी रहित पौधों की गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य पौधों की तुलना में कहीं अधिक होती है। 2019-20 से अक्टूबर 2025 तक, केंद्र ने 1 करोड़ 49 लाख से अधिक सब्जी के पौधे तैयार किए हैं। बेल वाली सब्जियों के पौधों की लागत केवल 1.20 रुपये प्रति पौधा है, जबकि बेल रहित सब्जियों के पौधों की लागत 1.40 रुपये प्रति पौधा है। ये दाम किसानों के लिए बहुत किफायती हैं।


900 किसानों को मिला प्रशिक्षण


यह केंद्र केवल पौध उत्पादन तक सीमित नहीं है। यहां किसानों को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। अब तक लगभग 900 किसानों को नेट हाउस, पॉली हाउस, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और सूक्ष्म सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह प्रशिक्षण किसानों को उपज बढ़ाने में मदद करता है और नए व्यवसाय की शुरुआत के लिए प्रेरित करता है। केंद्र के 4.5 एकड़ क्षेत्र में किन्नू, माल्टा, खजूर, अनार और बेर जैसे फल उगाए जाते हैं। पॉली हाउस और नेट हाउस में जैविक तरीकों से सब्जियां उगाई जाती हैं, जिन्हें सीधे विक्रय केंद्र पर बेचा जाता है। इससे किसानों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है।


बागवानी में संभावनाओं का विस्तार


उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि महेंद्रगढ़ जिले में बागवानी के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। सुंदरह केंद्र किसानों को नवीनतम तकनीक अपनाने और खेतों में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहा है। आसपास के जिलों के किसान भी यहां से प्रेरणा ले रहे हैं।


किसानों के लिए उपलब्ध सुविधाएं


किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। खेती के लिए रोटावेटर, पावर टिलर, मल्चिंग मशीन और स्प्रे टैंक जैसी मशीनें किराए पर दी जाती हैं, जिससे छोटे किसानों के लिए आधुनिक खेती करना आसान हो जाता है। प्रत्येक सीजन में गुणवत्तापूर्ण फसलें उगाने और पूरे वर्ष उत्पादन बनाए रखने की तकनीक सिखाई जाती है।


स्मार्ट एग्रीकल्चर की ओर अग्रसर किसान


डिप्टी डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर डॉ. पिंकी यादव ने कहा कि सुंदरह का यह केंद्र अब केवल प्रशिक्षण स्थल नहीं, बल्कि किसानों के सपनों को साकार करने वाला केंद्र बन चुका है। यह हरियाणा सरकार की दूरदर्शिता और किसानों की मेहनत का अद्भुत उदाहरण है। यहां से सीखकर किसान स्मार्ट एग्रीकल्चर की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।