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राजस्थान में 72 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे निर्माण की योजना

राजस्थान में अलवर से बहरोड़ के बीच 72 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे बनाने की योजना बनाई जा रही है। इस परियोजना से यात्रा का समय डेढ़ घंटे से घटकर 50 मिनट हो जाएगा। हालांकि, सड़क चौड़ीकरण में अतिक्रमण और गांवों की सुंदरता प्रभावित होने की संभावनाएं हैं। बाईपास बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। जानें इस हाईवे के निर्माण की पूरी जानकारी और इसके संभावित लाभ।
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राजस्थान में 72 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे निर्माण की योजना

राजस्थान में फोरलेन हाईवे का निर्माण


न्यूज़ मीडिया: राजस्थान में दो शहरों के बीच 72 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे बनाने की योजना बनाई जा रही है। इस हाईवे के बन जाने पर, दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय डेढ़ घंटे से घटकर 50 मिनट रह जाएगा। इस परियोजना के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है, जिसमें डीपीआर और सर्वेक्षण का कार्य शामिल है। यह फोरलेन अलवर से बहरोड़ तक विस्तारित होगा, और इसके लिए आरएसआरडीसी ने टेंडर जारी किया है।


वर्तमान में यह मार्ग टू-लेन है और कई स्थानों पर इसकी स्थिति खराब है। फोरलेन बनने के बाद, यह बहरोड़ से आगे दिल्ली-जयपुर हाईवे से जुड़ जाएगा, जिससे सड़क की गुणवत्ता में सुधार होगा। अलवर से बहरोड़ तक कुल 72 किलोमीटर लंबा यह मार्ग फोरलेन में परिवर्तित होगा।


बाईपास की संभावनाएं


इस सड़क के चौड़ीकरण में कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं, क्योंकि रास्ते में कई गांव स्थित हैं। यदि सड़क को चौड़ा किया गया, तो कुछ पुराने घर, दुकानें और गांव की सुंदरता प्रभावित हो सकती है। इसलिए, बाईपास बनाने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है, और इसके खर्च को भी डीपीआर में शामिल किया जाएगा।


अतिक्रमण की समस्या


अलवर के जेल सर्किल से आगे इस मार्ग पर दोनों ओर दुकानों और घरों का अतिक्रमण हो चुका है। यह भूमि पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) की बताई जा रही है। फोरलेन बनने पर, स्थाई अतिक्रमण को हटाना आवश्यक होगा, जिससे कई लोग प्रभावित होंगे।


सर्वे का कार्य 6 महीने में पूरा होगा


मनोज श्रीवास्तव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आरएसआरडीसी अलवर के अनुसार, पहले सर्वेक्षण और डीपीआर का कार्य किया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी किया गया है, और यह कार्य 6 महीने के भीतर पूरा किया जाना है।