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लाल किले पर ऐतिहासिक जीप वैगनियर का सफर: जानें इसकी कहानी

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान, एक ऐतिहासिक जीप वैगनियर ने सबका ध्यान खींचा। यह जीप भूटान के राजा द्वारा भारत के राष्ट्रपति को उपहार में दी गई थी और अब यह भारतीय सेना का हिस्सा है। जानें इस जीप का अद्भुत इतिहास और इसकी यात्रा का महत्व।
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लाल किले पर ऐतिहासिक जीप वैगनियर का सफर: जानें इसकी कहानी

प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस भाषण और जीप वैगनियर का महत्व

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान, प्रधानमंत्री के आगमन से पहले एक ऐतिहासिक जीप वैगनियर ने सबका ध्यान आकर्षित किया। आइए जानते हैं इस कार का इतिहास और किसने इसे लाल किले तक पहुंचाया।


जीप वैगनियर का ऐतिहासिक सफर

जब दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार लाल किले पहुंचे, तो उनकी जीप वैगनियर पर सभी की नजरें थीं। यह जीप, जो नई दिल्ली के सेना मुख्यालय में रखी गई है, एक दुर्लभ वाहन है, जो स्थायी कूटनीति और औपचारिक परंपरा की कहानी बयां करती है। यह कार पिछले छह दशकों से मौजूद है और इसका संबंध भूटान से है।


भूटान से भारत तक का सफर

इस वैगनियर को 1965 में भूटान के राजा ने भारत के राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को एक शाही उपहार के रूप में भेंट किया था। यह कार भारत सरकार की अमूल्य संपत्ति बन गई। 2000 में, इसे आधिकारिक तौर पर भारतीय सेना को सौंपा गया और अब यह दिल्ली क्षेत्र के सेना मुख्यालय के औपचारिक बेड़े का हिस्सा है।


जीप वैगनियर का उत्पादन और विशेषताएँ

इस जीप को पहले 'स्टेशन वैगन' के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसे स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) कहा गया। इसका उत्पादन 1963 से 1991 तक 29 वर्षों तक जारी रहा, जिसमें कोई बड़ा डिज़ाइन परिवर्तन नहीं हुआ। यह अमेरिकी ऑटोमोटिव इतिहास में तीसरी सबसे लंबे समय तक उत्पादित सिंगल-जेनरेशन SUV बन गई।


आधुनिक तकनीक के साथ जीप वैगनियर

वर्तमान में, इस कार में फोर्ड एंडेवर का 2500 सीसी इंजन लगा है। यह जीप हर साल स्वतंत्रता दिवस पर सेना मुख्यालय से लाल किले तक यात्रा करती है, और इस समय यह पद लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार के पास है।