शिवराज चौहान ने पंजाब में जल संकट पर चिंता जताई

पंजाब में गिरते भू-जल स्तर पर चिंता
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब में गिरते भूजल स्तर को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यदि यह स्थिति जारी रही, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल की कमी का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या के समाधान के लिए आज से ही प्रयास करने की आवश्यकता है। चौहान एक दिवसीय दौरे पर पटियाला पहुंचे थे।
जल संकट पर चौहान का बड़ा बयान
राजपुरा में किसान चौपाल के दौरान, चौहान ने किसानों से संवाद किया और ट्रैक्टर चलाया। उन्होंने जल संकट के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें कहा कि केंद्र सरकार सिंधु जल समझौते का एक बेहतर विकल्प तलाश रही है। सरकार सिंधु जल समझौते को रद्द कर सिंधु, झेलम और चेनाब का पानी पंजाब और हरियाणा को देने के लिए नए प्रस्ताव तैयार करने की दिशा में काम कर रही है।
धान की सीधी बिजाई को सराहा
चौहान ने पंजाब के किसानों द्वारा धान की सीधी बिजाई को देश के लिए एक उत्कृष्ट मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के किसानों को भी इस पद्धति को अपनाना चाहिए, जिससे न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि अन्य फसलों की पैदावार में भी वृद्धि होगी। राजपुरा के किसानों ने चौहान से पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए अतिरिक्त फंड की मांग की, ताकि कृषि अनुसंधान के माध्यम से फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जा सके।
किसानों की समस्याओं का जमीनी स्तर पर समाधान
किसानों से बातचीत के दौरान, चौहान ने कहा कि अक्सर बैठकें भाषण देने में समाप्त हो जाती हैं, जबकि किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझना आवश्यक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह भविष्य में भी इस प्रकार की चौपालों में भाग लेते रहेंगे और पंजाब के किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सीधे संपर्क में रहेंगे।
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