सितंबर में बिक्री में ठहराव: ये 5 गाड़ियां रहीं ग्राहकों से दूर

ऑटोमोबाइल बाजार में बिक्री की स्थिति
नई दिल्ली: 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में गतिविधि बढ़ी है, लेकिन कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं जो ग्राहकों की नजरों से ओझल हो गई हैं। जहां कुछ लोकप्रिय मॉडल की बिक्री में वृद्धि हुई है, वहीं मारुति सुजुकी, निसान, किआ और सिट्रोएन जैसी प्रमुख कंपनियों के पांच मॉडल ऐसे हैं, जिनकी सितंबर 2025 में एक भी यूनिट नहीं बिकी।
यह रिपोर्ट उन मॉडलों पर ध्यान केंद्रित करती है जो अपनी ऊंची कीमत, सीमित वितरण नेटवर्क या बदलती बाजार प्राथमिकताओं के कारण कंपनियों और डीलरों के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं।
1. किआ EV6 (Kia EV6)
किआ ने इस साल मार्च में अपनी प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV, EV6 का नया मॉडल 65.90 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) में पेश किया था। इसे विदेश से सीधे आयात किया जाता है। कंपनी इस पर विशेष छूट भी दे रही है, लेकिन इसकी ऊंची कीमत और केवल एक वेरिएंट (AWD) में उपलब्धता ने ग्राहकों को दूर रखा, जिसके कारण सितंबर में इसकी बिक्री शून्य रही।
2. मारुति सुजुकी सियाज (Maruti Suzuki Ciaz)
मारुति ने इस लोकप्रिय सेडान का उत्पादन मार्च में बंद कर दिया था, लेकिन डीलरों के पास अभी भी इसका स्टॉक है। भारत में सेडान कारों की घटती मांग का असर सियाज पर स्पष्ट है, और सितंबर में इसे एक भी खरीदार नहीं मिला। यह गाड़ी अब इतिहास बनने के कगार पर है।
3. निसान एक्स-ट्रेल (Nissan X-Trail)
निसान ने अपनी प्रीमियम एसयूवी को 49.92 लाख रुपये की कीमत पर लॉन्च किया था। सीमित संख्या में (केवल 150 यूनिट्स) आयात होने के कारण यह गाड़ी बाजार में अपनी पहचान नहीं बना सकी। सितंबर में इसकी भी एक भी यूनिट नहीं बिकी। इस साल की शुरुआत में एक डीलरशिप ने इस पर 20 लाख रुपये से अधिक की छूट की पेशकश की थी।
4. किआ EV9 (Kia EV9)
1.30 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम) की कीमत वाली किआ की यह सबसे महंगी इलेक्ट्रिक एसयूवी भी ग्राहकों को आकर्षित करने में असफल रही है। इसे भी सीधे आयात किया जाता है, जिससे इस पर उच्च कर लगता है। इस सेगमेंट में ग्राहक आमतौर पर मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसे स्थापित ब्रांड्स को प्राथमिकता देते हैं, जिससे किआ की यह गाड़ी भी शोकेस में ही रह गई।
5. सिट्रोएन सी5 एयरक्रॉस (Citroen C5 Aircross)
फ्रांसीसी निर्माता सिट्रोएन की इस एसयूवी की सबसे बड़ी चुनौती इसका सीमित बिक्री और सेवा नेटवर्क रहा है। इसके अलावा, हुंडई क्रेटा और किआ सेल्टोस जैसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में फीचर्स की कमी ने भी इसकी बिक्री को प्रभावित किया। इन कारणों से सितंबर 2025 में इस गाड़ी को एक भी खरीदार नहीं मिला।