हरियाणा की नई एयरोस्पेस और डिफेंस नीति: निवेश और रोजगार के नए अवसर

हरियाणा सरकार का नया कदम
हरियाणा: हरियाणा सरकार ने देश की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य ने अपनी नई एयरोस्पेस और डिफेंस नीति को लागू किया है। यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है और हरियाणा को देश में एक प्रमुख एयरोस्पेस एवं रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करती है।
बैठक में चर्चा
हरियाणा के नागरिक उड्डयन आयुक्त एवं सचिव, अमनीत पी. कुमार ने इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उप महानिदेशक इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस विवेक विरमानी और रक्षा मंत्रालय के उप कार्यक्रम निदेशक जतिन अरोड़ा भी उपस्थित थे। उन्होंने IDEX ढाँचे के तहत उभरते अवसरों और सहयोगों पर विस्तृत जानकारी साझा की, जिससे हरियाणा की भविष्य की रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका को उजागर किया गया।
नई नीति के लक्ष्य
अमनीत पी. कुमार ने बताया कि नीति पहले ही अधिसूचित की जा चुकी है और इसके अंतर्गत आगामी योजनाओं को जल्द ही औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। नई नीति का उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में एक बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित करना, लगभग 25,000 रोजगार के अवसर पैदा करना और उत्कृष्टता केंद्र, अनुसंधान एवं विकास इकाइयाँ और विश्व स्तरीय कौशल विकास संस्थान स्थापित करना है। इसमें हरियाणा को उत्तर भारत के प्रमुख रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) केंद्रों में से एक के रूप में विकसित करने की योजना है।
लॉजिस्टिक्स और परिवहन में सुधार
इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स और परिवहन के लिए बेहतर कनेक्टिविटी, विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धी MRO हब का निर्माण और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए MSME को केंद्रित समर्थन प्रदान करने पर भी जोर दिया गया है। बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य सरकार हिसार एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) को एक प्रमुख एयरोस्पेस एवं रक्षा केंद्र के रूप में विकसित कर रही है।
विशेष प्रयोजन वाहन के माध्यम से परियोजना
यह परियोजना एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी, जिसमें हरियाणा एयरोस्पेस एंड डिफेंस कॉरपोरेशन (HADC) की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास एवं निगम ट्रस्ट (NICDCT) 1,810.58 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 49 प्रतिशत हिस्सेदारी निभाएगा।
परियोजना का विस्तार
यह परियोजना कुल 2,988 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी, जिसकी अनुमानित लागत 4,679.56 करोड़ रुपये है और इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। एनआईसीडीसीटी के साथ समझौता ज्ञापन पर शीघ्र ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह परियोजना पर्यावरणीय संतुलन और स्थिरता पर विशेष ध्यान देती है। पहले चरण में 61 प्रतिशत भूमि - लगभग 980 एकड़ - औद्योगिक विकास के लिए समर्पित होगी, जबकि शेष भूमि का उपयोग सहायक बुनियादी ढाँचे, उपयोगिताओं, हरित क्षेत्रों और सड़क नेटवर्क के लिए किया जाएगा।
वित्तीय प्रोत्साहन
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 के अंतर्गत दिए जा रहे विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रक्षा क्षेत्र को इस नीति में एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार करनाल में एक आधुनिक क्रू प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर रही है, जो विमानन प्रशिक्षण और कौशल विकास का प्रमुख केंद्र बनेगा। यह पहल एयरोस्पेस एवं रक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के राज्य के व्यापक दृष्टिकोण का पूरक है।