हरियाणा के पहलवान रविंद्र तोमर की अनोखी पहल: नशा मुक्त अभियान के लिए गंगाजल यात्रा

नशा मुक्त अभियान: रविंद्र तोमर की अनोखी पहल
हरियाणा के जींद जिले के पहलवान रविंद्र तोमर ने नशा मुक्त अभियान को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है। उन्हें 'अहंकारी रावण' के नाम से जाना जाता है। रविंद्र ने हरिद्वार से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा शुरू की है, ताकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को गंगाजल से स्नान करवा सकें। यह यात्रा लगभग 475 किलोमीटर लंबी है, जिसे वे बुग्गी खींचते हुए तय करेंगे।
यह यात्रा न केवल नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि युवाओं को प्रेरित करने का एक अनूठा तरीका भी है। आइए, इस प्रेरणादायक कहानी को विस्तार से जानते हैं।
बुग्गी खींचकर नशे के खिलाफ जंग
रविंद्र तोमर ने नशा मुक्त अभियान को अपनी जिंदगी का मिशन बना लिया है। उन्होंने पहलवानी और अन्य कामकाज छोड़कर युवाओं को नशे की बुराइयों से बचाने का बीड़ा उठाया है। वे बुग्गी खींचकर हरियाणा और पंजाब के विभिन्न जिलों में घूम चुके हैं।
उनकी बुग्गी को कोई जानवर नहीं, बल्कि वे खुद खींचते हैं। इस अनोखे तरीके से वे युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं। उनकी यात्रा हरियाणा सरकार के नशा मुक्त गांवों की घोषणा से प्रेरित है, जिसके तहत 700 गांवों को नशा मुक्त किया गया है।
हरिद्वार से चंडीगढ़ तक की यात्रा
20 जून को रविंद्र ने सफीदों से हरिद्वार की पैदल यात्रा शुरू की। उनका लक्ष्य है कि 23 जुलाई को महाशिवरात्रि के दिन वे चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचकर 11 लीटर गंगाजल अर्पित करें।
वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री इस जल से स्नान करें, ताकि नशा मुक्त अभियान को और बल मिले। रविंद्र का यह कदम न केवल मुख्यमंत्री के प्रयासों का सम्मान है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी प्रतीकात्मक प्रयास है। उनकी यात्रा हरियाणा के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है।
नशे के खिलाफ व्यक्तिगत प्रेरणा
रविंद्र की नशे के खिलाफ लड़ाई की वजह बेहद व्यक्तिगत है। उनके चचेरे भाई की नशे की लत के कारण कम उम्र में मृत्यु हो गई थी।
इस दुखद घटना ने रविंद्र को झकझोर दिया और उन्होंने युवाओं को नशे से बचाने का संकल्प लिया। वे कहते हैं कि अगर सरकार पूरे हरियाणा में शराब के ठेके बंद कर दे, तो वे सभी 90 विधायकों और मंत्रियों को भी गंगाजल से स्नान करवाएंगे। रविंद्र की यह पहल नशे के खिलाफ जागरूकता और सामाजिक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रविंद्र तोमर ने अपनी अनोखी यात्रा से नशा मुक्त अभियान को नया आयाम दिया है। यह कहानी हरियाणा के युवाओं और समाज के लिए एक प्रेरणा है कि एक व्यक्ति भी बदलाव ला सकता है।