हरियाणा में भूमि अधिग्रहण: भूस्वामियों के लिए चार गुना मुआवजा

हरियाणा भूमि अधिग्रहण 2025: भूस्वामियों के लिए राहत
हरियाणा में भूमि अधिग्रहण के नए नियमों ने भूस्वामियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है।
राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को कलेक्टर दर का चार गुना कर दिया है, जबकि पहले यह दोगुना था। इस बदलाव से विवादों में कमी आएगी और भूस्वामियों को उचित मुआवजा मिलेगा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस नीति को लागू करने के लिए आदेश जारी किए हैं।
चार गुना मुआवजा: विवादों का समाधान
हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब भूस्वामियों को कलेक्टर दर का चार गुना मुआवजा मिलेगा। पहले, कलेक्टर दर का दोगुना मुआवजा मिलने से कई बार विवाद उत्पन्न होते थे। नई नीति के तहत मुआवजा केंद्रीय अधिनियम के अनुरूप होगा।
इससे सरकारी और निजी संस्थाओं के बीच मुआवजे में समानता आएगी। यह नियम कृषि और गैर-कृषि दोनों प्रकार की भूमि पर लागू होगा, जो भूस्वामियों के लिए एक बड़ा लाभ है।
निजी संस्थाओं और बिल्डरों पर सख्ती
नई नीति में निजी संस्थाओं और बिल्डरों के लिए नियमों को सख्त किया गया है। यदि कोई बिल्डर या निजी इकाई भूमि खरीदकर उसका उपयोग करना चाहती है, तो उसे निर्धारित शुल्क और प्रभार चुकाने होंगे।
इसके लिए कलेक्टर दर को बेंचमार्क के रूप में लिया गया है। भूमि के अंतिम उपयोग की परवाह किए बिना चार गुना राशि का भुगतान करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, भूमि के विक्रय विलेखों के पंजीकरण के लिए भी नए नियम लागू होंगे। बिल्डरों को मुख्यमंत्री की अनुमति प्राप्त करनी होगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
भूस्वामियों और सरकार के लिए लाभदायक
हरियाणा भूमि अधिग्रहण 2025 के नए नियम भूस्वामियों और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। पुरानी नीति में विभिन्न मानदंडों के कारण कानूनी जटिलताएं उत्पन्न होती थीं।
अब मुख्यमंत्री की अनुमति से प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। यदि कोई बिल्डर चार गुना राशि या पिछले वर्ष के दो उच्चतम विलेखों का औसत देता है, तो विभाग उचित निर्णय लेगा। यह नियम विवादों को कम करेगा और भूस्वामियों को उनके अधिकार दिलाने में मदद करेगा। हरियाणा सरकार का यह कदम भूस्वामियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।