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हरियाणा में मानसून की वापसी: तेज बारिश की चेतावनी

हरियाणा में मानसून एक बार फिर सक्रिय होने जा रहा है, जिससे अगले तीन दिनों में कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। जानें किस जिले में कितनी बारिश होगी और क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
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हरियाणा में मानसून की वापसी: तेज बारिश की चेतावनी

हरियाणा में मौसम का हाल

हरियाणा मौसम: हरियाणा में मानसून एक बार फिर सक्रिय होने जा रहा है। अगले तीन दिनों में राज्य के कई क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने कुछ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


शनिवार को हरियाणा के तीन जिलों - फरीदाबाद, नूंह और पलवल में भारी बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में बादल जमकर बरस सकते हैं। वहीं, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार और भिवानी में 0 से 25% तक हल्की बारिश की संभावना है।


पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और गुरुग्राम में 25 से 50% तक बारिश होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं और बादलों की गड़गड़ाहट भी हो सकती है।


11 अगस्त (रविवार) का मौसम

11 अगस्त (रविवार)


रविवार को बारिश की मात्रा थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में हल्की फुहारें पड़ने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस दिन राज्य के अधिकांश जिलों में 0 से 25% या 25 से 50% तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, नूंह और पलवल में 50 से 75% तक तेज बारिश की संभावना है। यहां भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्क किया गया है।


12 अगस्त (सोमवार) का मौसम

12 अगस्त (सोमवार)


सोमवार को मौसम में बदलाव आ सकता है। सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, जिंद, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में 0 से 25% बारिश की संभावना है, जबकि पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, हिसार और रेवाड़ी में 25 से 50% तक अच्छी बारिश हो सकती है।


सावधानियाँ

क्या करें और क्या न करें?


भारी बारिश वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घर से निकलते समय छाता या रेनकोट साथ रखना चाहिए। निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए सावधानी से वाहन चलाएं। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी खुली फसल और सिंचाई व्यवस्था की सुरक्षा सुनिश्चित करें।