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हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग दुर्घटना: कनाडाई महिला पायलट की मौत

हिमाचल प्रदेश में बीड़-बिलिंग से उड़ान भरने के बाद एक कनाडाई महिला पैराग्लाइडर, मेगन एलिजाबेथ रॉबर्ट्स, लापता हो गईं। उनकी खोज के दौरान, रेस्क्यू टीम ने उनका शव बरामद किया। यह घटना सभी के लिए एक बड़ा सदमा है, और उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग दुर्घटना: कनाडाई महिला पायलट की मौत

दुर्घटना का विवरण

शिमला(ऊषा शर्मा)- हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग स्थल बीड़-बिलिंग से उड़ान भरने के बाद, धर्मशाला के त्रियुण्ड क्षेत्र में एक विदेशी महिला पैराग्लाइडर की लापता होने की खबर आई है। हाल ही में, उनकी मृत्यु की पुष्टि हुई है। महिला पायलट का शव रेस्क्यू टीम द्वारा टांडा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। कनाडा की इस महिला का अंतिम संस्कार भी बीड़ में किया गया।


परिवार का अनुरोध

महिला पायलट के बॉयफ्रेंड ने बीड़ पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन से अनुरोध किया है कि उनकी दोस्त मेगन का अंतिम संस्कार वहीं किया जाए। 27 वर्षीय कनाडाई पैराग्लाइडर का यह दुखद अंत सभी के लिए एक बड़ा सदमा है। बीपीए के प्रतिनिधि सुरेश ठाकुर ने बताया कि महिला का अंतिम संस्कार दोपहर में बीड़ में किया जाएगा। यह घटना वास्तव में बहुत दुखद है।


लापता होने की घटना

रविवार को उड़ान भरने के बाद, कनाडा की 27 वर्षीय मेगन एलिजाबेथ रॉबर्ट्स लापता हो गई थीं। बाद में, उनके जीपीएस सिस्टम से पता चला कि वह धर्मशाला के ऊपरी क्षेत्र त्रियुण्ड की पहाड़ियों में कहीं फंसी हुई थीं। अगले दिन, उनकी खोज के लिए एक निजी हेलीकॉप्टर की सहायता ली गई, लेकिन दुर्भाग्यवश, उनकी मृत्यु हो चुकी थी। रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर उनका शव बरामद किया।


रेस्क्यू ऑपरेशन

रेस्क्यू टीम के सदस्य राहुल सिंह को 19 अक्टूबर को हेलिकॉप्टर के माध्यम से ऊंची चोटी पर उतारा गया। उन्होंने रात में 27 वर्षीय कनाडाई महिला पैराग्लाइडर के शव तक पहुंचने में सफलता पाई। हालांकि, वह अकेले शव को नहीं निकाल सके और वहीं रात बिताई। माना जा रहा है कि मेगन की मौत चोट लगने और ठंड के कारण हुई। घटनास्थल समुद्र तल से लगभग 3900 मीटर की ऊंचाई पर था।


उड़ान का समय

जानकारी के अनुसार, मेगन ने रविवार सुबह 9:45 बजे बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग स्थल से उड़ान भरी थी। इसके बाद वह ऊपरी धर्मशाला (त्रियुंड) की धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं में लापता हो गई थीं।