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उड़ान योजना: हवाई यात्रा को सस्ते दामों पर पहुंचाने की पहल

मोदी सरकार की उड़ान योजना ने हवाई यात्रा को आम नागरिकों के लिए सस्ता और सुलभ बनाने का प्रयास किया है। इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कम कीमत पर हवाई यात्रा का लाभ उठाने का अवसर मिल रहा है। हालांकि, हाल की रिपोर्टों में यात्रियों की संख्या में गिरावट देखी गई है। जानें इस योजना के लाभ, हेलीकॉप्टरों की संख्या में वृद्धि और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
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उड़ान योजना: हवाई यात्रा को सस्ते दामों पर पहुंचाने की पहल

उड़ान योजना का परिचय

 2016 में, मोदी सरकार ने आम नागरिकों और छोटे शहरों में हवाई सेवा को सुलभ बनाने के लिए उड़ान योजना की शुरुआत की। यह एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य भारत के विभिन्न हिस्सों में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां अन्य परिवहन साधनों की कमी है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार सस्ती हवाई सेवाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है।


लाभार्थियों की पहचान

इन लोगों को लाभ मिल है

इस योजना के माध्यम से, सरकार निजी और सार्वजनिक हवाई सेवा प्रदाताओं को मौजूदा हवाई मार्गों और हवाई अड्डों पर सेवाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कम कीमत पर हवाई यात्रा का अनुभव कराना है, ताकि आम नागरिक भी सस्ती दरों पर हवाई यात्रा का लाभ उठा सकें। उड़ान योजना के चौथे चरण में 78 नए हवाई मार्गों का चयन किया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 अप्रैल 2023 को इस योजना का पांचवां चरण भी आरंभ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा 15 जून 2016 को की थी और 27 अप्रैल 2017 को दिल्ली और शिमला के बीच पहली लोकल फ्लाइट को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हवाई यात्रा की लागत 2500 रुपये प्रति घंटे निर्धारित की गई है।


हेलीकॉप्टरों की संख्या में वृद्धि

इस योजना के चलते हेलीकॉप्टरों के उपयोग में वृद्धि की उम्मीद है। वर्तमान में भारत में लगभग 280 नागरिक हेलीकॉप्टर हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। पिछले चरण के तहत, 46 हेलीकॉप्टर मार्ग संचालित किए जा चुके हैं, जो पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ते हैं।


यात्रियों की संख्या में गिरावट

संसदीय समिति ने बताया कि उड़ान योजना के तहत यात्रा करने वाले हवाई यात्रियों की संख्या 2021-22 में 33 लाख थी, जो 2022-23 में घटकर 20 लाख रह गई। समिति ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस गिरावट का कारण पूछा है और 2023-24 में यात्रियों की संख्या को फिर से 30 लाख तक बढ़ाने की योजना देने को कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-18 में इस योजना के तहत यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 3 लाख थी, जो 2018-19 में बढ़कर 12 लाख हो गई। 2019-20 में 31 लाख लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया, लेकिन 2020-21 में यह संख्या घटकर 15 लाख रह गई। 2021-22 में यह संख्या फिर से बढ़कर 33 लाख हो गई, लेकिन 2022-23 में यह घटकर 20 लाख रह गई।