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एलपीजी और एटीएफ की कीमतों में वृद्धि: आम आदमी पर महंगाई का नया बोझ

1 अक्टूबर से देशभर में एलपीजी और एटीएफ की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे आम आदमी और कारोबारियों पर महंगाई का नया बोझ पड़ा है। जबकि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें स्थिर हैं, कमर्शियल गैस सिलेंडर और एटीएफ की बढ़ती कीमतें रेस्टोरेंट, होटल और हवाई यात्रा पर असर डाल सकती हैं। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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एलपीजी और एटीएफ की कीमतों में वृद्धि: आम आदमी पर महंगाई का नया बोझ

एलपीजी की कीमतों में वृद्धि

एलपीजी मूल्य वृद्धि: 1 अक्टूबर से देशभर में आम लोगों और व्यवसायों पर महंगाई का एक नया असर पड़ा है। सरकारी तेल विपणन कंपनियों, जैसे इंडियन ऑयल, एचपीसीएल और बीपीसीएल ने कमर्शियल एलपीजी (रसोई गैस) और एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की है। नई दरें मंगलवार सुबह 6 बजे से लागू हो गईं। हालांकि, घरेलू उपयोग के लिए 14.2 किलोग्राम गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


बड़े शहरों में बढ़ी कीमतें

नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों में अब रेस्टोरेंट, होटल और छोटे व्यवसायों को कमर्शियल गैस सिलेंडर के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा, एयरलाइंस कंपनियों पर एटीएफ की कीमतों में वृद्धि का सीधा प्रभाव पड़ेगा, जिससे भविष्य में हवाई यात्रा महंगी होने की संभावना है। कीमतों की समीक्षा हर महीने की पहली तारीख को की जाती है और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम और डॉलर की विनिमय दर पर निर्भर करती है।


कमर्शियल एलपीजी के नए दाम

कमर्शियल एलपीजी के नए दाम

नई दरों के अनुसार, 19 किलो के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब दिल्ली में 1,595.5 रुपये, कोलकाता में 1,700.5 रुपये, मुंबई में 1,547 रुपये और चेन्नई में 1,754.5 रुपये हो गई है। दिल्ली में इसमें 15.5 रुपये की वृद्धि हुई है। यह बदलाव लगातार चार बार की कटौती के बाद किया गया है।


घरेलू गैस में कोई बदलाव नहीं

घरेलू गैस में राहत

सरकारी कंपनियों ने घरेलू एलपीजी के दाम स्थिर रखे हैं। दिल्ली में 14.2 किलो का सिलेंडर अभी भी 853 रुपये, मुंबई में 852.5 रुपये, कोलकाता में 879 रुपये और चेन्नई में 868.5 रुपये में उपलब्ध है। इसका मतलब है कि आम घरों के बजट पर फिलहाल कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है।


एलपीजी की कीमतों में बदलाव के कारण

एलपीजी के दाम क्यों बदलते हैं?

एलपीजी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की दरों, विदेशी मुद्रा दरों और मांग-आपूर्ति पर निर्भर करती हैं। तेल विपणन कंपनियां हर महीने इन कारकों को ध्यान में रखते हुए नई दरें तय करती हैं। यही कारण है कि कभी दाम घटते हैं तो कभी बढ़ जाते हैं।


एटीएफ की कीमतों में भी वृद्धि

एटीएफ के दाम भी बढ़े

केवल एलपीजी ही नहीं, बल्कि विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में भी संशोधन किया गया है। नई दिल्ली में अब एयरलाइंस को 93,766.02 रुपये प्रति किलोलीटर चुकाने होंगे, जो 3,052.5 रुपये की वृद्धि है। इस कदम से आने वाले समय में हवाई यात्रा महंगी हो सकती है।


व्यापारियों और आम जनता पर प्रभाव

कारोबारियों और आम जनता पर असर

कमर्शियल गैस की बढ़ी कीमतों का सीधा असर रेस्टोरेंट, होटल और कैटरिंग सेवाओं पर पड़ेगा। वहीं एटीएफ की बढ़ोतरी से विमान कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसका बोझ यात्रियों पर डाला जा सकता है। ऐसे में अक्टूबर की शुरुआत महंगाई के साथ हुई है, जिससे कारोबारी जगत और आम उपभोक्ता दोनों प्रभावित होंगे।