ऑपरेशन सिंदूर पर कैप्टन शिवकुमार के बयान से उठे विवाद की गहराई
भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन सिंदूर पर कैप्टन शिवकुमार के हालिया बयान ने विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व के निर्देशों के कारण कुछ लड़ाकू विमान खोए गए। इस बयान के बाद राजनीतिक दलों ने इसे अपने फायदे के लिए भुनाया है। जानें इस मुद्दे की गहराई, भारतीय सेना की प्रतिक्रिया और भारतीय दूतावास का स्पष्टीकरण।
Jun 30, 2025, 12:55 IST
| 
ऑपरेशन सिंदूर का विवाद
भारतीय वायुसेना को ऑपरेशन सिंदूर के प्रारंभिक चरण में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले की अनुमति नहीं थी। उसे केवल आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके कारण भारत ने कुछ लड़ाकू विमान खो दिए। यह बयान इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास के डिफेंस अटैच कैप्टन शिवकुमार ने दिया, जिसके बाद से विवाद बढ़ गया है। इस मुद्दे पर कुछ राजनीतिक दलों ने इसे अपने फायदे के लिए भुनाया है। उनके अनुसार, यह बयान उनके पहले के दावों को सही ठहराता है। लेकिन क्या वास्तव में इस क्लिप को इस तरह से वायरल किया गया कि भारत की छवि को नुकसान पहुंचे? आज हम विस्तार से बताएंगे कि कैप्टन शिवकुमार ने क्या कहा और यह विवाद क्यों बढ़ा है।
कैप्टन शिवकुमार का बयान
कैप्टन शिवकुमार ने क्या कहा
जकार्ता में भारतीय दूतावास में कैप्टन शिवकुमार ने एक सेमिनार में 35 मिनट का भाषण दिया। कुछ मीडिया चैनलों ने उनके 30 सेकंड के क्लिप को प्रसारित किया, जिसमें उन्होंने कहा, "हमने कुछ एयरक्राफ्ट खोए हैं, केवल इसलिए कि राजनीतिक नेतृत्व ने सैन्य प्रतिष्ठानों या उनके एयर डिफेंस पर हमले से रोका था।" इस बयान ने विवाद को जन्म दिया है।
सेना का आधिकारिक बयान
सेना ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा था
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया था कि ऑपरेशनल डिटेल्स अभी भी जारी हैं। जब पूछा गया कि क्या भारत ने कुछ एयरक्राफ्ट खोए हैं, तो जवाब मिला कि प्रारंभ में टारगेट केवल आतंकवादी कैंप थे। पाकिस्तान को निशाना नहीं बनाया गया था। जब इस्लामाबाद ने पलटवार किया, तब रणनीति में बदलाव किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर की स्थिति
ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है
कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि मोदी सरकार सेना पर दबाव बना रही है। लेकिन सेना का बयान और कैप्टन शिवकुमार का बयान एक ही हैं। भारतीय सेना ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और सभी ऑपरेशनल डिटेल्स सार्वजनिक नहीं किए जा सकते। जब आधिकारिक रूप से जानकारी दी जाएगी, तब ही यह स्पष्ट होगा कि नुकसान कितना हुआ है।
भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया
भारतीय दूतावास ने बयान पर क्या कहा
रक्षा मंत्रालय ने कैप्टन शिवकुमार की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, जकार्ता में भारतीय दूतावास ने कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से बाहर लिया गया है। दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय सशस्त्र बल नागरिक राजनीतिक नेतृत्व के तहत काम करते हैं और ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाना था।