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कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग

कनाडा में आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण मुद्दा सामने आया है, जिसमें ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर ने लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है। इस गिरोह पर संगठित अपराध और जबरन वसूली के गंभीर आरोप हैं। प्रीमियर एबी का कहना है कि इससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आवश्यक अधिकार मिलेंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री ट्रूडो की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जानें इस मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग

कनाडा में सुरक्षा का गंभीर मुद्दा

कनाडा में आंतरिक सुरक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण विषय इन दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से अनुरोध किया है कि भारत के कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी जाए। यह मांग विशेष रूप से तब उठी है जब इस गिरोह पर कनाडा में संगठित अपराध, जबरन वसूली और हिंसा फैलाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.


भयमुक्त जीवन का अधिकार

जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एबी ने कहा कि कनाडा में हर नागरिक को भयमुक्त जीवन जीने का अधिकार है। ऐसे गिरोहों पर कठोर कार्रवाई करना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इस गिरोह को आतंकवादी संगठन का दर्जा दिया जाता है, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आवश्यक अधिकार और उपकरण मिलेंगे, जिससे वे प्रभावी कार्रवाई कर सकें.


गिरोह का नेटवर्क और उसके प्रभाव

कई रिपोर्टों के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क कनाडा में भी सक्रिय है, और यह गिरोह डिजिटल माध्यमों और स्थानीय अपराधियों के माध्यम से जबरन वसूली और धमकियों में लिप्त रहा है। खासकर दक्षिण एशियाई मूल के व्यापारियों और अप्रवासी समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे उनमें भय का माहौल बना हुआ है.


आर्थिक स्रोतों पर प्रभाव

प्रीमियर एबी का मानना है कि यदि इस गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाता है, तो इसके आर्थिक स्रोतों पर गंभीर चोट पहुंचेगी और यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि कनाडा संगठित अपराध के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक घरेलू मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है.


ट्रूडो का मौन

हालांकि, प्रधानमंत्री ट्रूडो की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन खबरों के अनुसार, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय इस मांग की समीक्षा कर रहा है। किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करने के लिए कानूनी प्रक्रिया और पर्याप्त सबूतों की आवश्यकता होती है, लेकिन बढ़ते सार्वजनिक दबाव के चलते सरकार जल्द निर्णय लेने के लिए मजबूर हो सकती है.


अन्य प्रांतों की संभावित भागीदारी

विशेषज्ञ यह देख रहे हैं कि क्या अन्य प्रांत भी ब्रिटिश कोलंबिया की इस पहल में शामिल होंगे। यदि ऐसा होता है, तो संघीय सरकार पर कार्रवाई का दबाव और बढ़ सकता है.


लॉरेंस बिश्नोई का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क

यह ध्यान देने योग्य है कि लॉरेंस बिश्नोई भारत के पंजाब से संबंधित है और उस पर सिद्धू मूसेवाला की हत्या जैसे कई गंभीर अपराधों का आरोप है। उसके गिरोह का नेटवर्क यूके, यूएई और कनाडा तक फैला हुआ है, जो इसे एक अंतरराष्ट्रीय अपराध चुनौती बनाता है। अब सभी की नजरें इस पर हैं कि क्या कनाडा सुरक्षा को प्राथमिकता देगा या कानूनी जटिलताएं कार्रवाई में देरी करेंगी.