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कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए जिम्मेदार नियामक उपायों की आवश्यकता: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के लिए जिम्मेदार नियामक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि सरकार एआई तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ उनके जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीतारमण ने चेतावनी दी कि एआई नई भूमिकाएँ उत्पन्न करेगा, लेकिन यह मौजूदा नौकरियों को भी प्रभावित कर सकता है। जानें उनके विचार और रिपोर्ट के मुख्य बिंदु।
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए जिम्मेदार नियामक उपायों की आवश्यकता: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री का एआई पर जोर

सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तकनीकी नवाचार, विशेषकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), को जिम्मेदारी से बढ़ावा देने के लिए आवश्यक नियामक उपायों पर जोर दिया।


यह टिप्पणी उन्होंने नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट 'विकसित भारत के लिए एआई: तेज आर्थिक वृद्धि के अवसर' के विमोचन के दौरान की।


सीतारमण ने कहा कि सरकार एआई तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में उनके जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।


उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें ऐसे नियामक उपायों की आवश्यकता नहीं है जो तकनीक को समाप्त कर दें। इसके बजाय, हमें ऐसे नियम चाहिए जो जिम्मेदार अनुप्रयोगों को प्रोत्साहित करें।


सीतारमण ने कहा, 'एआई हमारे समय की तेजी से बढ़ती वास्तविकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम नैतिकता से पीछे न हटें, क्योंकि एआई के साथ कुछ चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं।'


उन्होंने आगे कहा कि चुनौतियाँ केवल रोजगार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि एआई का दुरुपयोग कैसे रोका जाए।


रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई नई भूमिकाएँ उत्पन्न करेगा, लेकिन यह कई मौजूदा नौकरियों को भी प्रभावित करेगा, खासकर लिपिकीय और निम्न कौशल वाले क्षेत्रों में।