Newzfatafatlogo

केतु का 8वें भाव में प्रभाव: स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर

केतु का 8वें भाव में होना व्यक्ति के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में जानें कि कैसे केतु की स्थिति से प्रभावित होते हैं और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह जानकारी महत्वपूर्ण है, जिससे आप अपने जीवन में सुधार कर सकते हैं। वीडियो में और अधिक जानकारी प्राप्त करें।
 | 
केतु का 8वें भाव में प्रभाव: स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर

केतु का 8वें भाव में नकारात्मक प्रभाव

केतु का 8वें भाव में नकारात्मक प्रभाव: भविष्यवाणी के लिए ज्योतिषीय चार्ट, जिसे जन्म कुंडली कहा जाता है, का उपयोग किया जाता है। यह चार्ट यह दर्शाता है कि व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति क्या थी, जिससे जातक के भविष्य, स्वभाव, स्वास्थ्य और प्रेम जीवन जैसे विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है। जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं, जिनमें नवग्रह स्थित होते हैं। इन 12 भावों और 9 ग्रहों का सभी राशियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक भाव का जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंध होता है। कुंडली का 8वां भाव, जिसे अष्टम भाव कहा जाता है, मृत्यु, रहस्य और परिवर्तन से जुड़ा होता है। यदि इस भाव में कोई ग्रह अशुभ या कमजोर स्थिति में होता है, तो जातक को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


विशेष रूप से, केतु का 8वें भाव में होना शुभ नहीं माना जाता है। इससे व्यक्ति की स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। हालांकि, कुछ उपाय और सावधानियों के माध्यम से इन समस्याओं से बचा जा सकता है। यदि आप केतु के 8वें भाव में प्रभाव, उपाय और सावधानियों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।