क्या 2026 में 16 जीबी रैम वाले स्मार्टफोन होंगे गायब?
स्मार्टफोन में रैम का महत्व
नई दिल्ली: स्मार्टफोन की रैम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी है। यदि फोन में रैम की कमी होती है, तो यह सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाता। इस वर्ष, हमने 16 जीबी रैम वाले कई स्मार्टफोन देखे हैं, जबकि कम रैम वाले फोन की संख्या में कमी आई है। यह भी देखा गया है कि अधिक रैम वाले फोन की कीमतें भी अधिक होती हैं।
क्या 16 जीबी रैम वाले फोन मार्केट से गायब होंगे?
दक्षिण कोरियाई टिपस्टर लैंजुक (yeux 1122) ने बताया है कि वैश्विक बाजार में मेमोरी घटकों की कमी हो रही है। इस कारण, कंपनियां 2026 से 16 जीबी रैम वाले मॉडल का निर्माण बंद कर सकती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि यदि ब्रांड्स को अपने लाभ में वृद्धि करनी है, तो उन्हें स्पेसिफिकेशन में कमी लानी होगी।
फोन्स की कीमतों में वृद्धि
फोन्स की कीमतें बढ़ेंगी:
हाल ही में एक लीक में कहा गया था कि सैमसंग गैलेक्सी ए सीरीज के फोन की कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं। इसी तरह, एप्पल के आईफोन 17 के लिए भी यही बात कही गई है। इसके अलावा, HP के CEO एनरिक लोरेस ने 2026 की दूसरी छमाही में कीमतों में वृद्धि और स्पेसिफिकेशन्स में कमी का संकेत दिया है।
12 जीबी रैम मॉडल्स में कमी
12 जीबी रैम मॉडल्स में कमी:
टिपस्टर ने यह भी बताया है कि अगले वर्ष 12 जीबी रैम वाले मॉडल्स में 40% से अधिक की कमी आ सकती है। कंपनियां 6 जीबी और 8 जीबी रैम वाले मॉडल्स का विस्तार कर सकती हैं। यदि सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ा, तो 8 जीबी रैम मॉडल में भी कमी आ सकती है और 4 जीबी रैम वेरिएंट पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
इस फैसले का कारण
क्यों लिया जा रहा ये फैसला:
इस कमी का मुख्य कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का तेजी से बढ़ता बाजार है। जैसे-जैसे एआई कंपनियां अपने ऑपरेशन्स का विस्तार कर रही हैं, उनकी प्रोसेसिंग पावर की आवश्यकता भी बढ़ रही है। इसके परिणामस्वरूप, मेमोरी घटक बनाने वाली कंपनियां एआई कंपनियों के शिपमेंट को प्राथमिकता दे रही हैं, जिससे टेक मार्केट में घटकों की कमी हो रही है।
