क्या उद्धव और राज ठाकरे का मिलन महाराष्ट्र की राजनीति में लाएगा बदलाव?

उद्धव ठाकरे का राज ठाकरे से मिलन
उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे से की मुलाकात: शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने बुधवार को गणेश पूजा के अवसर पर अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे से उनके निवास शिवतीर्थ पर भेंट की। इस मौके पर उद्धव के साथ उनकी पत्नी रश्मी और बेटे आदित्य व तेजस भी मौजूद थे। दोनों परिवारों ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई, जो उनके रिश्तों में सुधार का संकेत देती है।
दो दशकों बाद हुई यह महत्वपूर्ण मुलाकात
यह मुलाकात चचेरे भाइयों के बीच दो दशकों से अधिक समय बाद हुई है, जो महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। इस भेंट के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसका प्रभाव महाराष्ट्र की राजनीति, विशेषकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आगामी चुनावों पर क्या होगा। ये चुनाव 2026 की शुरुआत में होने वाले हैं, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों नेताओं का मिलन मराठी वोट बैंक को मजबूत कर सकता है।
2005 में रिश्तों में आई थी दरार
राज और उद्धव ठाकरे के बीच रिश्तों में खटास 2005 में आई थी, जब राज ने शिवसेना छोड़कर मनसे का गठन किया था। हाल के महीनों में, दोनों को एक साथ देखा गया है। जुलाई में, दोनों नेताओं ने एक मंच पर आकर स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया था, जिसे बाद में उनके संयुक्त विरोध के चलते वापस ले लिया गया। इस विरोध के दौरान राज ने कहा कि महाराष्ट्र किसी भी राजनीति से बड़ा है, और आज 20 साल बाद उद्धव और मैं एक साथ आए हैं।
राज ठाकरे का जन्मदिन पर उद्धव के घर जाना
उद्धव ने अपनी मंशा स्पष्ट करते हुए कहा कि हम साथ रहने के लिए एकत्र हुए हैं। इसके कुछ दिन बाद, राज ठाकरे उद्धव के जन्मदिन पर उनके निवास 'मातोश्री' गए, जहां दोनों ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के चित्र के सामने तस्वीर खिंचवाई। यह एक प्रतीकात्मक इशारा है जो उनके रिश्तों में सुधार को दर्शाता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के बीच गठबंधन मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्रों में मराठी वोटों को मजबूती दे सकता है। ठाकरे परिवार का पुनर्मिलन बीएमसी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।