जर्मन स्टार्ट-अप का दावा: फ्रीज की गई लाशों को जीवित करने की तकनीक

फ्यूचर में जीवित होने की संभावना
नई दिल्ली - एक जर्मन स्टार्ट-अप ने यह दावा किया है कि भविष्य में जब तकनीक में प्रगति होगी, तो फ्रीज की गई लाशों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा। इस कंपनी का नाम 'टुमारो बायो' है, जो मृत शरीर को फ्रीज करने के लिए लगभग 1.8 करोड़ रुपये और केवल मस्तिष्क को फ्रीज करने के लिए 67.2 लाख रुपये चार्ज करती है।
इस प्रक्रिया में शरीर को माइनस 198 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया जाता है, जिससे विघटन की प्रक्रिया स्थायी रूप से रुक जाती है। इसे 'बायोस्टैसिस' की स्थिति कहा जाता है। कंपनी का उद्देश्य एक ऐसी दुनिया बनाना है जहां लोग यह चुन सकें कि वे कब तक जीना चाहते हैं। अब तक, टुमारो बायो ने 6 व्यक्तियों और 5 पालतू जानवरों का क्रायो-प्रिजर्वेशन किया है। 650 से अधिक लोगों ने इस सेवा के लिए भुगतान किया है और वे अपने फ्रीज होने का इंतजार कर रहे हैं। यह कंपनी व्यक्ति की मृत्यु के तुरंत बाद क्रायो-प्रिजर्वेशन प्रक्रिया शुरू करती है। इसके लिए यूरोप के शहरों में विशेष एम्बुलेंस मृत शरीर को स्विट्जरलैंड के मुख्य केंद्र तक ले जाती हैं। इसके बाद, शरीर को एक अलग स्टील कंटेनर में लिक्विड नाइट्रोजन से भरकर माइनस 198 डिग्री सेल्सियस पर दस दिनों तक रखा जाता है, ताकि आवश्यक फ्रीजिंग तापमान बनाए रखा जा सके।