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जलभराव समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रयासों की आवश्यकता: अभिषेक मीणा

रेवाड़ी और भिवाड़ी जिला प्रशासन ने जलभराव की समस्या के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। डीसी अभिषेक मीणा ने स्थानीय स्तर पर प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही मसानी बैराज में केवल बरसाती पानी की अनुमति देने की बात कही। उन्होंने भिवाड़ी में जल निकासी की उचित व्यवस्था की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इस बैठक में एसटीपी निर्माण और जल संग्रहण योजनाओं पर भी चर्चा की गई। जानें इस बैठक में और क्या निर्णय लिए गए हैं।
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जलभराव समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रयासों की आवश्यकता: अभिषेक मीणा

जलभराव के समाधान के लिए बैठक का आयोजन



  • मसानी बैराज में केवल बरसाती पानी की अनुमति होगी

  • रेवाड़ी और भिवाड़ी प्रशासन की संयुक्त बैठक आयोजित


(Rewari News) रेवाड़ी। भिवाड़ी समेकित विकास प्राधिकरण कार्यालय में जलभराव के मुद्दे पर रेवाड़ी और खैरथल जिला प्रशासन की एक बैठक हुई। इस बैठक में डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर नगर परिषद और पंचायत विभाग को सक्रियता से काम करना होगा।


मसानी बैराज में जल निकासी की व्यवस्था

खैरथल के डीसी किशोर कुमार और बीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतुल किशोर की उपस्थिति में, डीसी ने स्पष्ट किया कि मसानी बैराज में केवल बरसाती पानी को ही अनुमति दी जाएगी। भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र और घरों से निकलने वाले दूषित पानी को इस बैराज में नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में जलभराव के कारण रेवाड़ी के कुछ गांवों में पानी घुस जाता है, जो एक गंभीर समस्या है। इसका समाधान भिवाड़ी में उचित जल निकासी व्यवस्था से ही संभव है।


भिवाड़ी में एसटीपी निर्माण और जल संग्रहण योजना

भिवाड़ी में 160 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी का निर्माण


डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि सिंचाई विभाग ने 218 करोड़ रुपये की एक परियोजना तैयार की है, जो लगभग तीन साल में पूरी होगी। इस परियोजना में जल संग्रहण के लिए पांच बड़े टैंक और 23 किमी की पाइपलाइन शामिल है।


बैठक में खैरथल के डीसी किशोर कुमार ने कहा कि दोनों जिला प्रशासन को मिलकर जलभराव की समस्या का समाधान करना होगा। उन्होंने बताया कि भिवाड़ी में 160 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा, 60 करोड़ रुपये की लागत से बरसाती पानी को मसानी बैराज में छोड़ने की योजना बनाई गई है।


जलभराव से बचाव के उपाय

बीडा के सीईओ अतुल प्रकाश ने कहा कि उद्योगों ने अपने एसटीपी स्थापित किए हैं, जिससे गंदा पानी बाहर आने की संभावना कम है। डीसी अभिषेक मीणा ने इन एसटीपी की स्थिति की जांच कराने की आवश्यकता बताई। उन्होंने भिवाड़ी और रेवाड़ी नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे भिवाड़ी में जल निकासी के उपायों पर ध्यान दें। इस अवसर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान ने बताया कि जलभराव से बचाव के लिए कई गांवों में जोहड़ बनाए गए हैं।