जापान की आईस्पेस का चंद्रमा मिशन फिर से असफल, क्या होगी अगली रणनीति?

आईस्पेस का चंद्र अन्वेषण प्रयास एक बार फिर विफल
जापान की निजी कंपनी आईस्पेस की चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने की महत्वाकांक्षा एक बार फिर असफल हो गई है। 6 जून 2025 को, उसका Resilience यान, जो चंद्रमा पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद के साथ भेजा गया था, अंतिम क्षणों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह पिछले दो वर्षों में आईस्पेस की दूसरी विफलता है।
लैंडिंग का समय और तकनीकी समस्याएं
Resilience यान की लैंडिंग भारतीय समयानुसार रात 12:47 बजे निर्धारित थी। यह यान मई में चंद्र कक्षा में प्रवेश कर चुका था और इसका लक्ष्य चंद्रमा के उत्तर गोलार्ध में स्थित मैरे फ्रिगोरिस (Sea of Cold) पर उतरना था। लेकिन जैसे ही यान 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऑटोमैटिक डिसेंट मोड में आया, मिशन कंट्रोल का उससे संपर्क टूट गया। टेलीमेट्री डेटा अचानक गायब हो गया, जिससे टीम को लैंडर की स्थिति का कोई अंदाज़ा नहीं रहा।
ईंधन की कमी और थ्रस्टर्स की विफलता
आईस्पेस ने कुछ घंटों बाद मिशन को विफल घोषित कर दिया। कंपनी ने कहा, "मिशन नियंत्रकों ने यह निर्धारित किया है कि लैंडर के साथ संचार की बहाली की कोई संभावना नहीं है।" बताया गया कि यान लैंडिंग से पहले धीमा नहीं हो सका क्योंकि उसका ईंधन समाप्त हो गया था। थ्रस्टर्स फायर नहीं कर पाए, जिससे वह चंद्रमा की सतह पर तेज़ी से गिर गया और क्रैश हो गया।
पिछली विफलता की याद
यह घटना 2023 में आईस्पेस के पहले यान हकुतो-आर की विफलता की याद दिलाती है, जब वह रशीद रोवर के साथ क्रैश हो गया था। उस समय सॉफ्टवेयर त्रुटि के कारण लैंडिंग में गड़बड़ी आई थी। इस बार की घटना ने फिर से साबित कर दिया कि चंद्रमा पर उतरना अब भी एक जटिल तकनीकी चुनौती है, खासकर निजी कंपनियों के लिए।
वैज्ञानिक लक्ष्य अधूरे रह गए
Resilience मिशन के साथ कई वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए थे, जिनमें एक कैमरा, एक टेनेशियस नामक छोटा रोवर, और एक स्वीडिश कलाकार का प्रतीकात्मक मॉडल हाउस शामिल थे। यान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से रेजोलिथ एकत्र करना और विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देना था। लेकिन दुर्घटना के चलते ये सभी लक्ष्य अधूरे रह गए।
आईस्पेस के लिए एक बड़ा झटका
आईस्पेस के लिए यह एक बड़ा झटका है, जिसने वर्षों की तैयारी और भारी निवेश के बाद यह दूसरा मिशन शुरू किया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी अगली बार के लिए कैसे खुद को तैयार करती है, और क्या वह चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का सपना पूरा कर पाएगी।