तालिबान के हमलों से पाकिस्तान में हड़कंप, सेना प्रमुख ने बुलाई आपात बैठक

पाकिस्तान में तालिबान के हमले से स्थिति गंभीर
रावलपिंडी। अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर तालिबान के हमलों ने पाकिस्तान के 58 सैनिकों की जान ले ली है। इस घटना के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर (GHQ) में एक आपातकालीन उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक डूरंड लाइन के पास पाकिस्तानी चौकियों पर हुए हमलों के मद्देनजर आयोजित की गई थी, जिसने पाक सेना की खुफिया और सीमा सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर किया है।
बैठक में कॉर्प्स कमांडर पेशावर लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी, दक्षिणी कमांड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राहत नसीम अहमद खान, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (CGS) लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद अवाइस, DG ISI आसिम मलिक, DGMI मेजर जनरल वाजिद अजीज और DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। खुफिया सूत्रों के अनुसार, मुनीर ने बैठक में गहरी नाराजगी व्यक्त की और अपने कमांडरों से पूछा कि पहले से खुफिया जानकारी क्यों नहीं थी और यह इंटेलिजेंस फेल्योर कैसे हुआ।
मुनीर ने दिए सख्त निर्देश
सूत्रों के मुताबिक, मुनीर ने इसे एक बड़ी रणनीतिक विफलता मानते हुए सभी अधिकारियों से जवाब मांगा कि तालिबान की इस व्यापक कार्रवाई का कोई पूर्व संकेत क्यों नहीं मिला और तत्काल जवाबी कार्रवाई की तैयारी क्यों नहीं थी। उन्होंने सभी वरिष्ठ कमांडरों को निर्देश दिया कि वे सात दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिसमें सभी कमियों, कारणों और सुधारात्मक कदमों का उल्लेख हो। इसके साथ ही, उन्होंने सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने और संभावित हमलों को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने का आदेश दिया।
मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान अब ‘युद्ध की स्थिति में है, दोनों अंदरूनी और बाहरी मोर्चों पर।’ उन्होंने सवाल किया, ‘हम कब तक एक ‘सॉफ्ट स्टेट’ बने रहेंगे जब हमारे जवान और नागरिक लगातार कुर्बान हो रहे हैं? अब सख्त कदम उठाने का समय है।’ खुफिया सूत्रों के अनुसार, तालिबान ने सात अलग-अलग मोर्चों से भारी आर्टिलरी के साथ हमला किया, जिसने पाकिस्तानी चौकियों को अचानक निशाना बनाया और सेना को चौंका दिया।