दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए नई पहल: बीएस-IV डीजल ट्रकों पर प्रतिबंध

दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण की नई रणनीति
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण: दिल्ली में बीएस-IV डीजल भारी वाहनों पर प्रतिबंध की समयसीमा नजदीक आ रही है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार एक हाई-स्टेक नवाचार प्रतियोगिता (Innovation Challenge) शुरू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य पुराने डीजल ट्रकों को बीएस-VI मानकों में अपग्रेड करने के लिए तकनीकी समाधान खोजना है। इस पहल की जिम्मेदारी दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को सौंपी गई है।
प्रतियोगिता का उद्देश्य और पुरस्कार
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से ऐसे तकनीकी उपायों की खोज की जाएगी जो कम लागत वाले और बनाए रखने में सरल हों, साथ ही बीएस-IV वाहनों से निकलने वाले पीएम2.5 और पीएम10 कणों को कम करने में सक्षम हों। प्रतियोगिता में सफल समाधान के लिए सरकार 25 लाख से 50 लाख रुपये तक का पुरस्कार प्रदान करेगी।
तकनीकी समाधान की आवश्यकता
मंत्री सिरसा ने कहा, "यदि वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, तो यह एक गंभीर संकट उत्पन्न कर सकता है। हम बीएस-IV ट्रकों को रेट्रोफिट (retrofit) करने के लिए समाधान आमंत्रित करने के लिए यह चुनौती आयोजित कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि यह कदम राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
कण प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित
इस नवाचार चुनौती का मुख्य उद्देश्य बीएस-IV वाहनों से निकलने वाले पीएम2.5 और पीएम10 कणों को नियंत्रित करना है।
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PM2.5: ये सूक्ष्म कण 2.5 माइक्रोन से कम व्यास के होते हैं, जो इंसानी बाल की मोटाई के बराबर होते हैं और फेफड़ों में गहराई तक जाकर रक्त में मिल सकते हैं।
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PM10: ये अपेक्षाकृत मोटे कण होते हैं जो श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं और सांस संबंधी समस्याएं बढ़ा सकते हैं।
प्रतियोगिता के चरण
प्रतियोगिता को तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा:
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पहला चरण: प्रस्तुत किए गए पेपर के आधार पर प्रस्ताव का मूल्यांकन किया जाएगा।
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दूसरा चरण: चयनित प्रस्तावों का गहन अध्ययन किया जाएगा।
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तीसरा चरण: तकनीक की टेस्टिंग के लिए 5 लाख रुपये दिए जाएंगे और सफल समाधान को नेशनल फिजिकल लैबोरेटरी (NPL) से प्रमाणन मिलेगा।
नए नियमों की शुरुआत
दिल्ली सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 से केवल BS-VI, CNG या इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों को ही शहर में प्रवेश की अनुमति होगी। सरकार के अनुसार, यह कदम राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्यंत आवश्यक है।