नीरज चोपड़ा की ऐतिहासिक ओलंपिक जीत की चौथी वर्षगांठ

नीरज चोपड़ा की स्वर्णिम यात्रा
आज के दिन, नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने इस खास दिन को याद करते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, 'उस दिन को चार साल हो गए जब मैंने अपना सपना जिया था।' यह भारत का ओलंपिक में पहला एथलेटिक्स स्वर्ण था, जिसने न केवल नीरज की मेहनत और जुनून को दर्शाया, बल्कि भारतीय खेलों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान भी दी।
7 अगस्त 2021 को, नीरज चोपड़ा ने एक ऐसा कारनामा किया जो भारत के लिए एक सपना था। उनके 87.58 मीटर के भाला थ्रो ने न केवल देश को स्वर्ण पदक दिलाया, बल्कि भारत को ओलंपिक एथलेटिक्स में पहली बार गौरवान्वित भी किया। यह जीत नीरज की मेहनत, लगन और चुनौतियों से उबरने की कहानी है, जिसने उन्हें देश का नायक बना दिया। अभिनव बिंद्रा के बाद, वह दूसरे भारतीय बने जिन्होंने व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता।
ओलंपिक तक का सफर
आसान नहीं था ओलंपिक तक का रास्ता
नीरज का ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं था। 2016 में रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में वह चूक गए, जब उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 82.23 मीटर रहा, जो 83 मीटर के क्वालिफिकेशन मार्क से थोड़ा कम था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और उसी साल पोलैंड में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में 86.48 मीटर थ्रो फेंककर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। इस जीत ने उन्हें एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भी पदक दिलाए, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
Four years since the day I lived my dream.
— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) August 7, 2025
Happy Javelin Day! 🇮🇳 pic.twitter.com/8fY7o27vwc
चोट और वापसी
कोहनी की चोट ने किया मैदान से दूर
2019 में नीरज के लिए एक बड़ा झटका तब लगा, जब कोहनी की चोट ने उन्हें मैदान से दूर कर दिया। टोक्यो ओलंपिक क्वालिफिकेशन शुरू होने के दिन ही 3 मई को उनकी सर्जरी हुई। इस चोट ने उन्हें 2019 विश्व चैंपियनशिप से भी बाहर रखा। लेकिन नीरज ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने जनवरी 2020 में दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफस्ट्रूम में 87.86 मीटर का थ्रो फेंककर ओलंपिक क्वालिफिकेशन पास कर लिया। कोविड-19 के कारण टोक्यो खेलों के टलने से उन्हें और समय मिला, जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया।
One moment.
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) August 7, 2025
One throw.
A nation’s heartbeat in the air.
From 87.58 metres to the pinnacle of glory,
Neeraj Chopra didn’t just win gold —
He ignited a movement.
This August 7, we celebrate the throw that changed India’s sporting destiny.
A tribute to champions past and future.… pic.twitter.com/JkxGCkcOHg
नेशनल रिकॉर्ड और तैयारी
नेशनल रिकॉर्ड और तैयारी
घरेलू प्रतियोगिताओं में नीरज ने शानदार प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने पटियाला में इंडियन ग्रांप्री 3 में 88.07 मीटर का थ्रो फेंककर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। यह उपलब्धि उनके आत्मविश्वास को और मजबूत करने वाली थी। टोक्यो पहुंचने से पहले वह भले ही प्रबल दावेदारों में शुमार नहीं थे, लेकिन उनकी मेहनत और टेक्निक ने उन्हें हर चुनौती के लिए तैयार किया।
नीरज ने टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में पहले थ्रो में 87.03 मीटर भाल फेंका। वहीं दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर फेंका। ये थ्रो स्वर्ण पदक के लिए काफी था। उनके बाकी थ्रो में 76.79 मीटर, दो अमान्य और अंतिम में 84.24 मीटर का थ्रो शामिल था। चेक गणराज्य के याकुब वाडलेच ने 86.67 मीटर के साथ रजत और वितेजस्लाव वेसेली ने 85.44 मीटर के साथ कांस्य जीता। जर्मनी के जोहान्स वेटर, जो 90 मीटर से अधिक थ्रो के लिए जाने जाते थे, 82.52 मीटर के साथ नौवें स्थान पर रहे।
नीरज की जीत ने मिल्खा सिंह और पीटी उषा जैसे दिग्गजों के अधूरे सपने को पूरा किया और भारतीय एथलेटिक्स को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।