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पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को दी मंजूरी, शहरी विकास को मिलेगी नई दिशा

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी दी है, जो शहरी विकास को नई दिशा देने के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि की उम्मीद जगाती है। इस नीति के तहत, किसान अपनी भूमि को स्वेच्छा से शहरी विकास के लिए दे सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर मुआवजा मिलेगा। पहले चरण में 27 प्रमुख शहरों को शामिल किया जाएगा, जिससे आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास होगा। यह कदम पंजाब सरकार की शहरी विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को दी मंजूरी, शहरी विकास को मिलेगी नई दिशा

लैंड पूलिंग पॉलिसी का ऐतिहासिक निर्णय

चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने शहरी विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव से पहले लिया गया यह फैसला सरकार की शहरी विकास की प्रतिबद्धता और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।


पॉलिसी के उद्देश्य और लाभ

कैबिनेट बैठक के बाद, आवास एवं शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा ने इस पॉलिसी के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में सुनियोजित शहरी विकास को बढ़ावा देना और किसानों को उनकी भूमि का उचित मूल्य दिलाना है। इस पॉलिसी के तहत, किसान अपनी भूमि को स्वेच्छा से शहरी विकास परियोजनाओं के लिए दे सकेंगे। उन्हें यह विकल्प मिलेगा कि वे अपनी भूमि सीधे सरकार को सौंपें, किसी बिल्डर के साथ साझेदारी करें, या स्वयं एक समूह बनाकर विकास कार्य करें।


पहले चरण में 27 शहर शामिल

मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि इस पॉलिसी के पहले चरण में राज्य के 27 प्रमुख शहरों को शामिल किया जाएगा। इन शहरों में आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास लैंड पूलिंग के माध्यम से किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस पॉलिसी से न केवल शहरों का व्यवस्थित विकास होगा, बल्कि किसानों को उनकी भूमि के बेहतर दाम भी मिलेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगे।


किसानों के लिए नए अवसर

लैंड पूलिंग पॉलिसी को पंजाब सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इसके तहत, सरकार किसानों को उनकी भूमि के बदले विकसित भूखंड या उचित मुआवजा प्रदान करेगी। इसके अलावा, किसानों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनने का भी अवसर मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह पॉलिसी शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आवास और इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग को पूरा करने में सहायक होगी।