पसमांदा विकास फाउंडेशन ने छात्रों को आधुनिक शिक्षा की ओर बढ़ाया कदम

कौमी तालीमी बेदारी कॉन्फ़्रेंस का आयोजन
नई दिल्ली। पसमांदा विकास फाउंडेशन द्वारा दिल्ली के जमीअत उलेमा-ए-हिंद के मदनी हॉल में ‘कौमी तालीमी बेदारी कॉन्फ़्रेंस’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मदरसों को कंप्यूटर सेट और लगभग 225 पसमांदा छात्रों को तालीमी किट का निःशुल्क वितरण किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर मदरसों में शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता फैलाना था।
इस कार्यक्रम में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा के बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। आज के समय में कंप्यूटर ज्ञान की आवश्यकता है। पसमांदा मुस्लिमों को शिक्षा से जोड़ने में समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों को भी सक्रिय होना चाहिए। इस्लामी दुनिया में ज्ञान के सभी क्षेत्रों में उच्च शिक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है।
पसमांदा विकास फाउंडेशन के डायरेक्टर मोहम्मद मेराज राईन ने कहा कि शिक्षा ही कौमों की प्रगति की असली कुंजी है। हमारी प्राथमिकता दीनी और आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देना है, क्योंकि पिछड़े वर्गों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने का सबसे प्रभावी तरीका शिक्षा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मदरसों में आधुनिक शिक्षा को अपनाना और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। सभी पसमांदा बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। हमने ‘तालीमी जेहाद’ का आह्वान किया है, ताकि शिक्षा के माध्यम से पसमांदा समाज तरक्की की दिशा में आगे बढ़ सके।
पसमांदा विकास फाउंडेशन की डायरेक्टर निकहत परवीन ने कहा कि एक शिक्षित महिला पूरे परिवार को शिक्षित कर सकती है। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यह समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में महिला सशक्तीकरण की आवश्यकता है। जब महिलाएं मजबूत होंगी, तो समाज और देश भी मजबूत होगा। कार्यक्रम में उलेमा टीम के सदस्य मुफ्ती वसीम अकरम, दिल्ली प्रदेश दीनी तालीमी बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी कारी अब्दुस्शमी, उलेमा टीम हेड वसीम अकरम क़ासमी, और अन्य प्रमुख सदस्य भी उपस्थित रहे।