पाकिस्तान की परमाणु धमकी पर अमेरिका की प्रतिक्रिया: क्या बदलेगी भारत की रणनीति?
पाकिस्तान की धमकी और अमेरिका की प्रतिक्रिया
जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में भारत को परमाणु हमले की धमकी दी, तो पूरी दुनिया की नजरें अमेरिका की प्रतिक्रिया पर थीं। इसके तुरंत बाद, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को "स्थिर और सकारात्मक" मानता है।टैमी ब्रूस ने वॉशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अमेरिका हाल ही में भारत-पाक के बीच हुई चार दिवसीय सैन्य झड़प को लेकर चिंतित है, और उन्हें डर है कि यह टकराव बड़े संकट में बदल सकता है। उन्होंने कहा कि उस समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्थिति को संभालने के लिए तुरंत हस्तक्षेप किया।
ब्रूस ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और पाकिस्तान के बीच चल रही वार्ताओं पर भी प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि वॉशिंगटन इस क्षेत्र को सुरक्षित और स्थिर बनाने के लिए इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम कर रहा है। दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
इस बयान के समय भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आने वाले उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा की है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख का यह अमेरिका का दूसरा दौरा है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके द्वारा दिए गए "आधी दुनिया को साथ लेकर डूबने" जैसे बयान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चौंका दिया है।
भारत ने इस धमकी को गैरजिम्मेदाराना और खतरनाक बताया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत परमाणु धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति न केवल भारत और पाकिस्तान के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की स्थिरता के लिए चुनौती है। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बताना भारत में चिंताएं पैदा कर सकता है।
इस घटनाक्रम के बाद सवाल उठता है कि क्या भारत को अपनी विदेश नीति में बदलाव करने की आवश्यकता है? क्या अमेरिका के साथ रिश्तों को संतुलित रखते हुए पाकिस्तान की हरकतों के खिलाफ अधिक मुखर होना चाहिए? आने वाले समय में इन सवालों के जवाब भारत की राजनयिक दिशा तय करेंगे।